शाहीन बाग – मोहतरमा पहले अपने बुरके से आज़ादी लीजिए, फिर…

अगर आप आधार कार्ड , वोटर कार्ड , राशन कार्ड रखते हैं और पासपोर्ट में भारतीय लिखते हैं तो आप भारतीय हैं। नागरिकता रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करवाना आप का पहला फर्ज है।

New Delhi, Jan 23 : बताइए भला कि शाहीन बाग़ टाईप की मोहतरमा लोग सदियां बीत जाने के बाद भी अपने बुरके से तो आज़ाद हो नहीं पाईं। बुरके में आमूल-चूल क़ैद इन मोहतरमाओं की आंख तक ठीक से नहीं दिख पाती। लेकिन इन दिनों उन्हें आज़ादी चाहिए। यह कौन खलिहर मोहतरमा लोग हैं ? जो सारा काम-धाम छोड़-छाड़ कर , नन्हे बच्चों को गोद में बिठा कर , किसिम-किसिम की आज़ादी की तलबगार हो उठी हैं। मजाज लखनवी याद आते हैं :
तेरे माथे पे ये आँचल बहुत ही खूब है लेकिन
तू इस आँचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था।

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तो मोहतरमा लोग पहले अपने बुरके से आज़ादी लीजिए। फिर दस-दस , बारह-बारह बच्चों की अम्मा बनने से आज़ादी लीजिए। ऐसे ही अन्य रूढ़ियों से भी छुट्टी लीजिए तो यह फर्जी आज़ादी की मांग खुद-ब-खुद धूल में मिल जाएगी। सांप्रदायिक लोगों का , राजनीतिक रूप से दिवालिया और दरिद्र लोगों का टट्टू बनने से फुर्सत लीजिए। सरकार ने आप को तीन तलाक , हलाला आदि के नरक से छुट्टी दिलवा दी है , कड़ा क़ानून बना कर। और बाकी नरक से भी फुर्सत लेने की लड़ाई आप लड़िए। और जानिए कि यह नागरिकता बिल आप के लिए भी उतना ही ज़रूरी है , जितना कि किसी और के लिए। ठीक वैसे ही जैसे अपने को जायज ठहराने के लिए माता-पिता का वजूद ज़रूरी होता है , अपने देश का नागरिक होना और नागरिकता रजिस्टर में नाम दर्ज होना ज़रूरी है। यह भी माता-पिता के वजूद जैसा ही है। दुनिया के लगभग सभी देश अपना नागरिक रजिस्टर रखते हैं।

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आप को मालूम ही है कि जो अपने बाप का नहीं होता , समाज उसे हरामी कहता है। ठीक वैसे ही जो अपने देश का नहीं होता , देश के बारे में नहीं सोचता और नागरिकता रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करवाने से भागने की फ़िराक में दीखता है तो पक्का समझ लीजिए कि वह दर हरामी है। वह चाहे किसी भी देश का हो। हां , आप को अपने पिता का नाम नहीं मालूम , या बताने में शर्म आती है तो समझ लीजिए कि खोट आप को पैदा करने वाले में है। आप में नहीं। ठीक वैसे ही जो देश आप को अपने नागरिकता रजिस्टर में रखने से कतराता है तो भी समझ लीजिए कि आप नाजायज और हरामी हैं।

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अगर आप आधार कार्ड , वोटर कार्ड , राशन कार्ड रखते हैं और पासपोर्ट में भारतीय लिखते हैं तो आप भारतीय हैं। नागरिकता रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करवाना आप का पहला फर्ज है। बाकी हरामी और नाजायज नागरिक बन कर जीने का शौक है तो यह आप का अपना चयन है। कोई कुछ नहीं कर सकता। बेहतर है अपने देश का सम्मानित नागरिक बनिए। हरामी बन कर दुनिया में अपनी रुसवाई से हर मुमकिन बचिए। नहीं यह देश आप से आज़ादी ले लेगा। थोड़ा कहना , बहुत समझना ! चिट्ठियों के दौर में कभी लिखा ही जाता था। मैं भी यहां उसी अर्थ में लिख रहा हूं।

(वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)