CAA का खुलकर विरोध करने वालों पर बिफरे नीतीश कुमार, दो टूक शब्दों में दिया अल्टीमेटम

पवन वर्मा की चिट्ठी पर नीतीश कुमार से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होने कहा कि वो किसी भी पार्टी में जा सकते हैं।

New Delhi, Jan 23 : नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर जदयू में दरार खुलकर सामने आ गई है, पार्टी महासचिव पवन वर्मा ने लंबा पत्र लिखकर जवाब मांगने के बाद अब सीएम नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होने कहा कि पवन वर्मा किसी भी पार्टी में जाने के लिये स्वतंत्र हैं, लेकिन सार्वजनिक रुप से इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है, आपको बता दें कि सुशासन बाबू का बयान उनके नेताओं के लिये अल्टीमेटम माना जा रहा है, जो पिछले कुछ दिनों से सीएए और एनआरसी को लेकर सवाल उठा रहे थे।

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नीतीश कुमार ने क्या कहा
पवन वर्मा की चिट्ठी पर नीतीश कुमार से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होने कहा कि वो किसी भी पार्टी में जा सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक रुप से इस तरह के बयान हैरान करने वाले हैं, सुशासन बाबू ने कहा कि कुछ लोगों के बयान पर मत जाइये, हमारा रुख बिल्कुल साफ है, मैं किसी के बयान से प्रभावित नहीं होता हूं।

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खत लिखकर मांगा था जवाब
मालूम हो कि जदयू नेता पवन वर्मा ने मंगलवार को नागरिकता कानून और एनपीआर के अलावा दिल्ली चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार से जवाब मांगा था। उन्होने अपने पत्र में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन पर भी सवाल खड़े किये थे, उन्होने पटना एयरपोर्ट पर कहा था कि सीएए के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर पार्टी को वैचारिक स्पष्टता की जरुरत है, नीतीश को लिखे दो पेज के लेटर को उन्होने ट्विटर पर भी साझा किया था।

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चर्चा करने की जरुरत
जदयू राज्यसभा सांसद ने कहा था कि नीतीश कुमार ने कहा है कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जाएगा, साथ ही उन्होने माना है कि एनपीआर और सीएए पर और चर्चा किये जाने की जरुरत है, उन्होने अपने लेटर में इन बातों का जिक्र किया है, उन्होने सीएम नीतीश कुमार से इस मामले में विस्तृत बयान जारी करने की मांग की थी।

पीके ने भी उठाये थे सवाल
जदयू में प्रशांत किशोर को लाने वाले पवन वर्मा ही माने जाते हैं, पीके ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि नीतीश कुमार से पहली मुलाकात पवन वर्मा के घर पर ही हुई थी, जिसके बाद साथ काम करने की योजना बनी, प्रशांत किशोर भी लगातार नागरिकता कानून पर सवाल उठा रहे हैं, नीतीश का बयान उनके लिये भी अल्टीमेटम कहा जा रहा है।