4 साल 29 मैच बाद मिली हार, स्टार बल्लेबाज ने ताबड़तोड़ पारी खेलकर रच दिया इतिहास

दिल्ली की टीम ने इस मुकाबले में जीत दर्ज करने के लिये चौथे और आखिरी दिन 347 रनों का बेहद मुश्किल लक्ष्य हासिल किया।

New Delhi, Jan 23 : रणजी ट्रॉफी इतिहास में बुधवार को एक और मील का पत्थर स्थापित हुआ, जब दिल्ली की टीम ने दो बार की गत चैंपियन विदर्भ को रोमांचिक मुकाबले में मात दी, खास बात ये है कि विदर्भ की टीम पिछले चार साल और 29 मैच में पहली बार हारी है, विदर्भ को रणजी ट्रॉफी में इससे पिछली हार नवंबर 2016 में मिली थी, दिल्ली के खिलाफ मुकाबले से पहले 29 मैचों में उन्हें एक भी हार का सामना नहीं करना पड़ा था।

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नीतीश राणा की ताबड़तोड़ पारी
दिल्ली की टीम ने इस मुकाबले में जीत दर्ज करने के लिये चौथे और आखिरी दिन 347 रनों का बेहद मुश्किल लक्ष्य हासिल किया, दिल्ली की टीम को मैच के दूसरे दिन ही अपने तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की सेवाओं से वंचित होना पड़ा, जो टखने में चोट की वजह से मैच से हट गये, दिल्ली की टीम ने तीसरे दिन बिना विकेट खोये 10 रन से पारी को आगे बढाया, और 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया, उस जीत में दिल्ली के स्टार बल्लेबाज नीतीश राणा ने 68 गेंदों में 105 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, इस दौरान उन्होने 7 छक्के और 9 चौके लगाये।

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वनडे सा रोमांच
विदर्भ की टीम पहली पारी में 179 रनों पर सिमट गई, इसके बाद दिल्ली की टीम भी सिर्फ 163 रन ही बना सकी, विदर्भ ने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 330 रन बनाकर पारी घोषित कर दी, इस मुकाबले में दर्शकों को वनडे क्रिकेट जैसा रोमांच देखने को मिला, दिल्ली की टीम ने 347 रनों का लक्ष्य 73 ओवरों में हासिल कर लिया, नीतीश राणा के अलावा सलामी बल्लेबाज कुणाल चंदीला ने 75 और हितेन दलाल ने 82 रनों की पारी खेली, दोनों ने पहले विकेट के लिये 163 रनों की साझेदारी कर टीम की जीत की नींव रख दी।

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उमेश यादव के खिलाफ भी डटकर लड़े
दिल्ली की टीम के लिये चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करना इसलिये भी आसान नहीं था, क्योंकि उनके सामने उमेश यादव जैसा तेज गेंदबाज था, साथ ही खराब रोशनी की वजह से बल्लेबाजी भी आसान नहीं था, हालांकि राणा खुशकिस्मत रहे, क्योंकि उमेश की गेंद पर ठाकरे ने उनका कैच टपका दिया, तब दिल्ली को जीत के लिये 40 रनों की दरकार थी, अंतिम ड्रिंक ब्रेक के बाद विकेटकीपर अनुज रावत ने उमेश यादव की गेंद पर तीन चौके लगाये, फिर राणा ना ऑफ स्पिनर अक्षय वाखरे की गेंद पर दो छक्के लगाकर टीम को जीत दिला दी।

मैं विश्वास से भरा हुआ
जीत के बाद नीतीश राणा ने कहा कि मैंने टीम से कहा था कि अगर हमें अच्छी शुरुआत मिली, तो मैं सुनिश्चित करुंगा कि हम इस मुकाबले में जीत दर्ज करें, ये बल्लेबाजी के लिये अच्छी पिच थी, मैं विश्वास से भरा हुआ था, मैंने कोच केपी भास्कर से कहा था कि मुझे कप्तान ध्रुव शौरी से पहले नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिये भेजा जाए, ताकि बायें और दायें हाथ के बल्लेबाजों का संयोजन बना रहे, लेफ्ट ऑर्म स्पिनर आदित्य सरवते का सामना करने में भी आसानी हो, जिन्होने पहली पारी में सात विकेट हासिल किये थे।