सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, दागी उम्मीदवारों पर राजनीतिक पार्टियों को बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया, कि आदेश का पालन नहीं करने पर पॉलिटिकल पार्टियों को कोर्ट की अवमानना झेलनी होगी।

New Delhi, Feb 13 : राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों का दबदबा बढता जा रहा है, इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को लेकर दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि पॉलिटिकल पार्टियों को अब किसी भी दागी उम्मीदवार को टिकट देने पर कारण भी बताना जरुरी होगा, कोर्ट ने कहा कि पार्टियां 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट और मीडिया में ना सिर्फ अपने दागी उम्मीदवार के खिलाफ लंबित मुकदमों की जानकारी दें, बल्कि ये भी साफ करें कि उस उम्मीदवार का चयन पार्टी ने क्यों किया है, मालूम हो कि बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाया था।

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झेलनी होगी अदालत की अवमानना
सर्वोच्च न्यायालय ने ये भी साफ किया, कि आदेश का पालन नहीं करने पर पॉलिटिकल पार्टियों को कोर्ट की अवमानना झेलनी होगी, इलेक्शन कमीशन इस आदेश पर अमल नहीं करने पर राजनीतिक पार्टी के खिलाफ अवमानना याचिका कोर्ट में दायर करेगा, नियम का पालन नहीं होने पर चुनाव आयोग अपने अधिकार के अनुसार कार्रवाई करेगा।

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दिल्ली में 70 में 37 विधायक दागी
पिछले कुछ सालों में राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं की हिस्सेदारी बढी है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चुने गये 70 विधायकों में से 37 पर गंभीर अपराध के आरोप हैं, इनके खिलाफ कोर्ट में मामला विचाराधीन है।

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वोटर के अधिकार और मजबूत
सुप्रीम कोर्ट का ये अहम अधिकार लोकतंत्र में एक मतदाता के अधिकार को और मजबूत करता है, एक वोटर को जहां ये पता होगा कि वह जिस उम्मीदवार को वोट डालने जा रहा है, उसका आपराधिक अतीत क्या है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों को जनता को स्पष्ट करना होगा, कि आखिर उन्होने ऐसे शख्स को क्यों उम्मीदवार बनाया।

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