पुलवामा हमला- CRPF के उसी बस में सवार था ये जवान, मैसेज की वजह से बची थी जान

महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले इस जवान का नाम थाका बेलकर है, जो उसी बटालियन में थे, जिस पर 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने हमला किया था।

New Delhi, Feb 14 : आज देश पुलवामा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे रही है, मालूम हो कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गये थे, लेकिन एक जवान ऐसा भी था, जो अपनी बटालियन में शामिल होने के लिये कश्मीर के लिये रवाना हुई था, लेकिन गाड़ी में बैठने से पहले से उसे एक मैसेज आया, जिसे पढकर वो गाड़ी से नीचे उतर गया, जिससे उसकी जान बच गई थी।

Advertisement

थाका बेलकर
महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले इस जवान का नाम थाका बेलकर है, जो उसी बटालियन में थे, जिस पर 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने हमला किया था, हमले के दिन पुलवामा से दूर अहमदनगर स्थित थाका के घर पर उनकी शादी की तैयारियां चल रही थी, लेकिन शादी के लिये उन्हें हेडक्वार्टर से छुट्टी नहीं मिली थी, उन्हें उसी समय बटालियन के साथ कश्मीर जाने को कहा गया, इसी आदेश के बाद थाका बेलकर अपने साथियों के साथ कश्मीर जा रहे थे।

Advertisement

छुट्टी मंजूर
अपनी बटालियन के साथ थाका कश्मीर जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी उनके फोन पर मैसेज आया, कि उनकी छुट्टी मंजूर हो गई है, ये मैसेज पढते ही वो गाड़ी से उतरकर अपने कैंप से गांव के लिये निकलने की तैयारी में लग गये, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई।

Advertisement

अकाल पीड़ित गांव
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पारनेर एक अकाल पीड़ित गांव है, जहां थाका बेलकर का घर है, उनके परिवार में माता-पिता और एक छोटी बहन है, बेलकर के घर उनकी शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिल पा रही थी, उन्हें बटालियन के साथ कश्मीर जाना पड़ रहा था, शादी के लिये छुट्टी के लिये उन्होने आवेदन दे रखा था, 13 फरवरी तक छुट्टी का उन्हें कोई मैसेज नहीं मिला था।

कुछ घंटे बाद पता चला
गाड़ी से उतरकर बेलकर अपने कैंप वापस आ गये, वो अपने गांव के लिये निकल पड़े, रास्ते में कुछ घंटे बाद ही पता चला कि वो जिस बस में जाने वाले थे, उसमें सवार सभी साथियों पर आतंकी हमला हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गये, उन्हें इस वारदात से गहरा सदमा लगा, तब उन्होने मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था, कुछ दिन उन्हें सामान्य होने में लगा, हालांकि अब वो सामान्य जीवन जी रहे हैं।