सेना में बेटियों को स्थायी कमीशन- ट्वीट कर घिरे राहुल गांधी, स्मृति ईरानी ने धो डाला

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का जवाब देते हुए लिखा, आदरणीय बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने, वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही थे, जिन्होने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन की बात कही थी।

New Delhi, Feb 18 : सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन ऐसी गलती कर गये, कि खुद ही घिर गये, राहुल गांधी के ट्वीट पर मोदी सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटकार करते हुए नया नाम दे दिया है, स्मृति ने उन्हें अब्दुल्ला दीवाने के नाम से पुकारा है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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स्मृति का जवाब
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का जवाब देते हुए लिखा, आदरणीय बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने, वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही थे, जिन्होने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन की बात कही थी, जिससे लैंगिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके, आपकी सरकार में इस मुद्दे को बीजेपी की महिला मोर्चा ने उठाया था, ट्वीट करने से पहले अपनी टीम को बोलो को फेक्ट्स चेक करें।

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स्थायी कमीशन देने का आदेश
मालूम हो कि इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था, इस पर राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा था कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी कि महिला ऑर्मी अधिकारी कमांड पोस्ट या स्थायी सर्विस के योग्य नहीं है, क्योंकि वो पुरुषों से कमतर हैं, ऐसा करके मोदी सरकार ने सभी भारतीय महिलाओं का अपमान किया है, मैं भारत की महिलाओं को आवाज उठाने और बीजेपी सरकार को गलत साबित करने के लिये बधाई देता हूं।

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सरकार गई थी कोर्ट
मालूम हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2010 में ही भारतीय सेना की महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया था, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी, राहुल गांधी के इस बयान के बाद महिला सैन्य अधिकारियों का केस लड़ने वाले वकील और बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी और हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील नवदीप सिंह ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि कोर्ट के फैसले के लिये खिलाफ उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, ना कि भाजपा।