सिद्धू को लेकर मचा घमासान, कांग्रेस में मंत्रीपद के साथ जबरदस्‍त वापसी, आम आदमी पार्टी में खलबली

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से निकाय विभाग लेकर उनको बिजली विभाग दे दिया था। इससे नाराज होकर सिद्धू ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

New Delhi, Mar 02: पंजाब में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री और फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर राजनीति एक बार गरमा गई है । हाल ही में सिद्धू ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है, जिसके बाद उनकी सरकार में वापसी की खबरें तेज हैं । संकेत मिल रहे हैं कि उनकी पंजाब कैबिनेट पंजाब में वाइल्‍ड कार्ड एंट्री हो सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी के लिए ये खबर निराश करने वाली हो सकती है क्‍योंकि पंजाब प्रभारी की ओर से सिद्धू को ऑफर दिए जाने के बाद से संभावना जताई जा रही थी कि सिद्धू झाड़ू पकड़ सकते हैं ।

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अमरिंदर और सिद्धू में सुधरेंगे हालात ?
लेकिन क्‍या पार्टी कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच के गतिरोध को खत्‍म करा पाएगी ।   माना जा रहा है कि ये संभव है । दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से कोई बातचीत नहीं हुई है । हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात कर सिद्धू ने भले ही नए संकेत दे दिए हैं, लेकिन उनके हालात कुछ खास बदले नहीं हैं ।

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स्‍थानीय निकाय विभाग में लौटना चाहते हैं सिद्धू
खबर है कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने पुराने विभाग में कार्यभार संभालना चाहते हैं, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह पुन: सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग देने के हक में नहीं हैं । लेकिन नवजोत इससे कम पर तैयार नहीं हैं। आपको बता दें 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे के आने के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से निकाय विभाग लेकर उनको बिजली विभाग दे दिया था। इससे नाराज होकर सिद्धू ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

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कांग्रेस के लिए मुश्किल घड़ी
कांग्रेस की परेशानी यह है कि अगर सिद्धू को लेकर जल्‍दी फैसला नहीं लिया गया तो पार्टी को इसका जबरदस्‍त नुकसान उठाना पड़ सकता है । राजनीति के जानकारों के मुताबिक सिद्धू पार्टी में रहकर 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो पाएंगे या नहीं ये तो पता नहीं है लेकिन लेकिन पार्टी से बाहर होकर वह उसकी चुनावी नैया जरूर डुबा सकते हैं। आपको बता दें दिल्ली में जीत के बाद आम आदमी पाटी भरसक कोशिश में है कि सिद्धू उन्‍हें ज्‍वॉइन कर लें । इन सबके बीच सिद्धू ने सोनिया गांधी से मुलाकात करके इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि वह कांग्रेस के साथ ही रहेंगे।