एमपी के सियासी संग्राम में शिवसेना की एंट्री, कांग्रेस पर तंज, सिंधिया के साथ खड़े हुए

महाराष्ट्र में मिलकर सरकार चलाने वाली शिवसेना ने अपने ही सहयोगी के बारे में लिखा, कि एमपी में सिंधिया को नजरअंदाज कर राजनीति नहीं की जा सकती।

New Delhi, Mar 12 : एमपी में जारी सियासी घमासान के बीच महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी ने ही उन पर निशाना साधा है, महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी शिवसेना ने एमपी के सियासी संकट को लेकर तंज कसते हुए कहा है कि भगवान देता है और कर्म नाश कर देता है, यही हालत कांग्रेस की हो गई है, शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिये कांग्रेस पर तीखा हमला बोला गया है, इसमें लिखा गया है कि एमपी कांग्रेस में बगावत हो गई, कमलनाथ की सरकार गिरती हुई दिख रही है, इसका कारण उनकी लापरवाही, अहंकार और नई पीढी को कम आंकने की प्रवृत्ति है।

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कांग्रेस पर तंज
सामना के जरिये शिवसेना ने लिखा है, भगवान देता है और कर्म नाश कर देता है, यही हालत कांग्रेस की हो गई है, साथ ही लिखा गया है कि एमपी कांग्रेस में बगावत हो गई है, कांग्रेस में फूट पड़ गई है, सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, ज्योतिरादित्य बीजेपी में शामिल हो गये हैं, इससे कमलनाथ की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है, इस सरकार के गिरने का कारण लापरवाही, अहंकार और नई पीढी को कम आंकने की प्रवृत्ति है।

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सिंधिया के बिना एमपी का राजनीति नहीं
महाराष्ट्र में मिलकर सरकार चलाने वाली शिवसेना ने अपने ही सहयोगी के बारे में लिखा, कि एमपी में सिंधिया को नजरअंदाज कर राजनीति नहीं की जा सकती, सिंधिया का प्रभाव पूरे राज्य में हो ना हो, लेकिन ग्वालियर और गुना जैसे बड़े क्षेत्रों में उनकी जबरदस्त पकड़ है, विधानसभा चुनाव से पहले सिंधिया ही कांग्रेस की ओर से सीएम का चेहरा थे, लेकिन बाद में वरिष्ठों ने उन्हें किनारे कर दिया और दिल्ली नेतृत्व देखते रह गये।

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कबाड़ में डालना आसान नहीं
सामना में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मध्य प्रदेश की स्थिति गुत्थम-गुत्था वाली जरुरी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने वाले सिंधिया को कबाड़ में डालना कांग्रेस के लिये आसान नहीं था, इसी असंतोष की वजह से समय-समय पर चिंगारियां फूट रही थी।