कोरोना से जंग: इस ग्रुप ने की मोदी सरकार की 100 करोड़ की मदद, दान देने में अंबानी को भी किया पीछे

कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद ऐसा देखा जा रहा है कि लोग अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं । इसे देखते हुए सहायता राशि का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा ।

New Delhi, Mar 27: कोरोनावायरस आने वाले दिनों में देश के संकट बन सकता है । ऐसे में देश को मजबूत कंधों की जरूरत है जो कि सरकार के साथ-साथ चल सके और मदद कर सके । ऐसे ही देश के कुछ धनी उद्योगपति हैं जो सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं । मुकेश अंबानी के बाद कोरोना वायरस से जूझते लोगों की मदद में देश की नामी बिजनेस संस्था बजाज ग्रुप आगे आई है ।

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100 करोड़ रूपए की मदद
बजाज ग्रुप ने लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 100 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है । बजाज ग्रुप ने अपने बयान में कहा कि कोरोना वायरस के खतरे के बीच लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए संस्थान की ओर से यह कोशिश की जा रही है । बजाज ग्रुप की ओर से बयान जारी कर कहा गया – कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में हम 100 करोड़ रुपये देते हैं ।

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जरूरतमंदों तक पहुंचे मदद
ग्रुप की ओर से आगे कहा गया है कि – सरकार और अपने 200 एनजीओ पार्टनर के नेटवर्क के साथ काम करते हुए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जरूरी संसाधन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे । इस कोशिश में पुणे में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में मदद की जाएगी ताकि कोविड-19 पर काबू पाया जा सके । इस सहायता राशि का उपयोग सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में किया जाएगा जिससे कि आईसीयू, मेडिकल उपकरण, वेंटिलेटर्स और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वीपमेंट आदि की खरीदारी हो सके ।

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अभियान चलाया जाएगा
सहायता राशि का उपयोग आइसोलेशन यूनिट बनाने में भी किया जाएगा । पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़ और पुणे के ग्रामीण इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जाएगा । बजाज ग्रुप की ओर से जारी इस बयान के बाद महाराष्‍ट्र में गठबंधन सरकार चला रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने एक ट्वीट किया, उन्होंने अपने ट्वीट में बजाज ग्रुप के इस बयान को अटैच किया है । और राहुल बजाज को अपना दोस्‍त बताते हुए उनके इस कदम की सराहना की ।

गरीब वर्ग को पहुचे मदद
बजाज ग्रुप की कोशिश है कि दिहाड़ी मजदूरों, बेघर और सड़कों पर जिंदगी काटने वाले बच्चों को राहत दी जा सके । कंपनी की ओर से कहा गया कि खाद्य आपूर्ति, आवास, स्वच्छता और हेल्थकेयर पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है । कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद ऐसा देखा जा रहा है कि लोग अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं । इसे देखते हुए सहायता राशि का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा । कंपनी की कोशिश है कि परिवारों को कर्ज के तौर पर पैसा देकर रोजगार शुरू कराया जाए । बाद में जब लोन चुकाए जाएंगे तो उस पैसे से अन्य परिवारों को मदद दी जाएगी । इससे कई परिवारों को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी । कंपनी इसके साथ ही कोविड-19 को लेकर जागरूकता अभियान चलाने पर भी फोकस कर रही है ताकि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके ।