नहीं रहे ‘बाबू जी’, सपा नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री का लखनऊ में निधन

बेनी प्रसाद वर्मा की गिनती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबियों में होती थी, हालांकि बीच में मनमुटाव होने की वजह से उन्होने सपा छोड़ने का फैसला लिया था।

New Delhi, Mar 28 : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा का बीते दिन लखनऊ में निधन हो गया है, वो पिछले कुछ महीने से अस्वस्थ्य चल रहे थे, बेनी प्रसाद वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, हालांकि बीच में उन्होने सपा छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी, लेकिन फिर सपा में वापस लौटे, उन्हें मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा भेजा था, वर्मा यूपी के कुर्मी समाज के सर्वमान्य नेता माने जाते थे, यूपीए-2 में मनमोहन सिंह ने उन्हें इस्पातल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी।

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बाराबंकी में शोक की लहर
बेनी प्रसाद वर्मा के निधन की खबर से बाराबंकी जिले में शोक की लहर दौड़ गई है, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पूर्व मंत्री के निधन पर दुख जाहिर किया है, उन्होने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और हम सबके प्रिय बेनी प्रसाद वर्मा जी उर्फ बाबू जी का निधन अपूरणीय क्षति है, शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करता हूं।

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मुलायम सिंह यादव के करीबी
बेनी प्रसाद वर्मा की गिनती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबियों में होती थी, हालांकि बीच में मनमुटाव होने की वजह से उन्होने सपा छोड़ने का फैसला लिया, वो कांग्रेस के टिकट पर 2009 में लोकसभा चुनाव लड़े थे, चुनाव जीतने के बाद मनमोहन सिंह ने उन्हें यूपीए-2 में केन्द्रीय इस्पात मंत्री बनाया, हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद वो वापस सपा में आ गये, तो मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा।

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पढाई के बाद राजनीति में आ गये थे
बेनी प्रसाद वर्मा का जन्म 11 फरवरी 1941 को यूपी के बाराबंकी जिले के सिरौली में हुआ था, पिता का नाम मोहनलाल वर्मा और मां रामकली वर्मा थी, बेनी प्रसाद की शादी 1956 में मालती देवी से हुआ, दोनों के तीन बेटे और दो बेटियां है, शुरुआती पढाई बाराबंकी से करने के बाद उन्होने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढाई पूरी की, पढाई के बाद वो सीधे राजनीति में उतर गये, लंबे समय तक यूपी में पब्लिक वर्क्स विभाग में मंत्री के रुप में कार्य करते रहे, फिर साल 1992 में कैसरगंज लोकसभा सीट से चुनाव जीते और सांसद बने, इसके बाद पलटकर नहीं देखा।

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