कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगी, दो मिनट में जानिये ‘मन की बात’

पीएम मोदी ने कहा कि 130 करोड़ आबादी वाले देश में कोरोना के खिलाफ जंग के लिये कोई और रास्ता नहीं था, कठोर कदम उठाना जरुरी था।

New Delhi, Mar 29 : पीएम मोदी ने कोरोना संकट के बीच देशवासियों को मन की बात कार्यक्रम के जरिये संबोधित किया, उन्होने कहा कि मुझे पता है कि लोगों को लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानी हो रही है, आपको हुई असुविधा केलिये क्षमा मांगता हूं। कोरोना महामारी से पूरा विश्व संकट में है, ऐसे में मैं और कुछ बातें करुं तो वो उचित नहीं होगा, लेकिन सबसे पहले मैं देशवासियों से क्षमा मांगता हूं।

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कोई और रास्ता नहीं था
पीएम ने कहा कि 130 करोड़ आबादी वाले देश में कोरोना के खिलाफ जंग के लिये कोई और रास्ता नहीं था, कठोर कदम उठाना जरुरी था, बीमारी और उसके प्रकोप से शुरुआत से ही निपटना पड़ता है, नहीं तो बाद में ये असाध्य हो जाते हैं, भारत आज यही कर रहा है। बहुत से लोग कहते होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है, मैं आपकी परेशानियां समझता हूं।

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कानून ना तोड़ें
पीएम ने आगे बोलते हुए कहा कि मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता है, लेकिन कुछ लोग कानून तोड़ रहे हैं, स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे है, लॉकडाउन को तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बच नहीं पाएंगे, नियम तोड़ने वाले अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, इसलिये ऐसा ना करें।

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अनुभव साझा
कोरोना से पीड़ित रामगप्पा तेजा हाल ही में इस संक्रमण से ठीक हुए हैं, मन की बात कार्यक्रम में उन्होने मोदी के साथ अपना अनुभव साझा किया, उन्होने बताया कि मैं काम की वजह से दुबई गया था, उसके बाद कोरोना पीड़ित हो गया, शुरु में तो डर गया था, लेकिन डॉक्टरों और नर्सों ने मेरा साहस बढाया, लॉकडाउन जेल जैसा नहीं है, लोग नियमों का पालन करके ठीक हो सकते हैं।