लॉकडाउन में ‘अपने नुकसान’ की भरपाई करने में लगा है टीम इंडिया का ये ऑलराउंडर

स्टार क्रिकेटर ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनकी तीन बहनें और माता-पिता इस कोशिश में रहते थे कि सभी लोग कम से कम खाना एक साथ खाएं।

New Delhi, Apr 04 : कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है, जिसकी वजह से सभी अपने घर पर परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, टीम इंडिया के हरफनमौला खिलाड़ी केदार जाधव ने भी इसे मौके की तरह लिया है, केदार ने कहा कि वो इस समय का इस्तेमाल परिवार के साथ बिताकर उस चीज की भरपाई करने में लगे हे हैं, जो भारत और अपने प्रदेश की ओर से खेलते समय छूट गई थी, खासकर अपनी 5 साल की बेटी को समय नहीं दे पाये थे, इन दिनों वो अपनी बेटी के साथ भरपूर समय बिता रहे हैं।

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कर रहे नुकसान की भरपाई
टीम इंडिया के लिए 73 वनडे और 9 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके केदार जाधव ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी बेटी का जन्म उसी समय के आस-पास हुआ, जब उन्होने भारतीय टीम के लिये डेब्यू किया था, इस वजह से इन पांच सालों में वो अपनी बेटी को मुश्किल से ही समय दे पाये, लेकिन इन दिनों घर में रहने की वजह से वो देख रहे हैं कि उनकी बेटी एक स्मार्ट लड़की की तरह बड़ी हो रही है, उन्होने जितना सोचा था उससे भी कहीं ज्यादा समझदार है उनकी बेटी।

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साथ में खाना खाने की कोशिश
स्टार क्रिकेटर ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनकी तीन बहनें और माता-पिता इस कोशिश में रहते थे कि सभी लोग कम से कम खाना एक साथ खाएं, लेकिन क्रिकेट की व्यस्तता की वजह से कई बार ऐसा नहीं हो पाता था, लेकिन इन दिनों उन्हें भरपूर समय मिल रहा है, जिसकी वजह से पूरा परिवार एक साथ भोजन करता है।

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डॉक्टर्स के सामने कुछ भी नहीं
बाकी खिलाड़ियों की तरह जाधव ने भी कोरोना वायरस पीड़ितों के लिये दान दिया है, उन्होने महाराष्ट्र सीएम राहत कोष और मराठा चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर को दान किया है, केदार ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिये योगदान देना उनका कर्तव्य है, डॉक्टर्स जिंदगियां बचाने में दिन-रात लगे हुए हैं, बिना कुछ सोचे-समझे वो लगातार काम कर रहे हैं, जाधव ने डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि डॉक्टर्स के कामं के आगे वो कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।