IAS टॉपर टीना डाबी ने अपने सख्त फैसलों से कोरोना को हराया, पेश किया मॉडल, हो रही तारीफ

आईएएस टॉपर ने बताया कि हम दिन-रात लगे रहे, हमारी कोशिश थी कि जनता घबराये नहीं अब हमें एक दो दिन में ही लोगों कि बुनियादी जरुरतों का ध्यान रखना था।

New Delhi, Apr 12 : साल 2012 में आईएएस टॉपर टीना डाबी अकसर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बनी रहती हैं, लेकिन इस बार वो अपने इंस्टाग्राम पोस्ट या बेहतरीन तस्वीरों की वजह से नहीं बल्कि अपने काम की वजह से चर्चा में हैं, दरअसल टीना डाबी आईएएस ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अक्टूबर 2018 में भीलवाड़ा की एसडीएस (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) नियुक्त की गई थी, ये भीलवाड़ा राजस्थान का वही शहर है, जिसने कोरोना संक्रमण के खिलाफ महायुद्ध जीतकर पूरे देश में मिसाल पेश की है।

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भीलवाड़ा मॉडल
कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिये भीलवाड़ा मॉडल पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, प्रशासन की ठोस रणनीति और सख्त फैसले की वजह से कोरोना हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा ने इस जंग को जीत लिया है, एक समय ऐसा भी था जब राजस्थान में सबसे ज्यादा मरीज भीलवाड़ा में थे, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं, इसलिये टीना डाबी की खूब तारीफ हो रही है।

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कैसे मात दी
भीलवाड़ा प्रशासन ने कोरोना को कैसे मात दी, इस सवाल के जवाब में हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए टीना ने कहा कि इस जगह को कोरोना हॉटस्पॉट कहा जा रहा था, कहा जा रहा था कि ये अगला इटली होगा, जैसे देश के दूसरे जगहों पर तैयारियां चल रही थी, वैसी ही तैयारियां यहां भी चल रही थी, 19 मार्च को यहां पहला मरीज सामने आये, फिर अगले ही दिन 20 मार्च को 6 पॉजिटिव केस आ गये, इसके लिये हमने एक प्राइवेट अस्पताल को इसका मुख्य केन्द्र माना, जहां के कुछ डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे।

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सख्त फैसला
टीना ने बताया कि जिलाधिकारी ने 20 मार्च को ही पूरी तरह से कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया, हमने लोगों को भरोसे में लेकर पूरी तरह से लॉकडाउन और सील कर दिया, टीना ने कहा कि मैं खुद घूम-घूमकर सील करवा रही थी, इस दौरान कुछ लोगों को समझाकर, आग्रह करके और कुछ लोगों को डांटकर सबकुछ बंद करवा दिया, लोगों को भरोसे में लिया, जिससे वो खुद ही सहयोग करने लगे।

डोर टू डोर सर्विस
आईएएस टॉपर ने बताया कि हम दिन-रात लगे रहे, हमारी कोशिश थी कि जनता घबराये नहीं अब हमें एक दो दिन में ही लोगों कि बुनियादी जरुरतों का ध्यान रखना था, हमने दूध, फल, सब्जियां जैसी खाद्यान्न सामाग्री का डोर टू डोर बंदोबस्त किया, हालांकि इन सब में सप्ताह भर लगा, लेकिन अगर आप जनता की बुनियादी जरुरतें पूरी नहीं करेंगे, तो फिर वो सहयोग नहीं करेंगे, हमारी टीम ने अच्छा काम किया, जिसका नतीजा सामने है।