पाकिस्तान ने भी भारत से मांगी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा, जानिए सरकार का क्या रिएक्शन रहा
कोरोना वायरस की चपेट में पाकिस्तान भी पूरी तरह से आया हुआ है, मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब पड़ोसी देश ने भारत से मदद मांगी है ।
New Delhi, Apr 15 : पूरी दनिया की ही तरह पाकिस्तान भी कोरोना वायरस से अछूता नहीं है । पाकिसतान आर्थिक संकट से तो जूझ ही रहा था उस पर इस वायरस के अटैक ने देश की कमर ही तोड़ दी है । ऐसे कठिन समय में भी पाकिस्तान भारत से दुश्मनी नहीं भूलता और लगातार सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की कोशिशें करता रहता है । इस बीच अब खबर ये भी आ रही हैं कि पाकिस्तान को भारत से मदद की आस है, जिस दवा के लिए भारत इन दिनों अमेरिका से लेकर ब्राजील तक में मदद कर तारीफें बटोर रहा है अब वही दवा पाकिस्तान को भी चाहिए ।
पाकिस्तान ने भी मांगी मदद
भारतीय अधिकारियों ने बताया है पाकिस्तान ने भारत से इस दवा की मांग की है । साथ ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान ही नहीं मलेशिया और तुर्की ने भी भारत से संपर्क किया है । आपको बता दें इस समय दुनियाभर में कोरोना मरीजों की संख्या 20 लाख के पार हो चुकी है । अकेले अमेरिका में मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं । सिर्फ न्यूयॉर्क शहर में ही 10 हजार की मौत हो चुकी है ।
भारत की ओर से जवाब
भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान की ओर से आई दवा आपूर्ति की मांग पर कहा है कि भारत आपूर्ति अनुरोध पर विचार कर रहा है । हालांकि इस संबंध में निर्णय होना बाकी है । आपको बता दें मलेरिया के इलाज में उपयोग होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा निर्माता भारत ही है । पूरी दुनिया में इस दवा के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी कुल 70 फीसदी है । कोरोना से बचाव को लेकर हो रहे शोध में इस दवा को पासा पलटने वाला माना जा रहा है । जानकारी के अनुसार भारत में हर महीने 40 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) उत्पादन की क्षमता है । यह 200-200 एमजी के करीब 20 करोड़ टैबलेट के बराबर बैठता है । इस दवा का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस बीमारी के इलाज में भी किया जाता है ।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के अबतक 5988 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 107 लोगों की मौत हो चुकी है । इमरान खान के देश में अबतक 1446 लोगों का संक्रमण से इलाज किया जा चुका है । पाकिस्तान की आबादी 22 करोड़ के लगभग बताई जाती है, ऐसे में संक्रमण के मामले भारत के मुकाबले यहां तेजी से फैल रहे हैं ।