2011 विश्वकप में धोनी युवराज की जगह इस खिलाड़ी को मौका देना चाहते थे, सन्न करने वाला खुलासा

युवराज सिंह ने कहा कि तब सुरेश रैना को माही का पूरा समर्थन हासिल था, सभी कप्तानों के पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं, मुझे लगता है कि उस समय माही ने रैना को काफी सपोर्ट किया था।

New Delhi, Apr 20 : साल 2011 आईसीसी विश्वकप, धोनी ने श्रीलंकाई तेज गेंदबाज नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाकर इतिहास रचा, टीम इंडिया 28 साल बार विश्व चैंपियन बनी, फाइनल मुकाबले में धोनी ने जबरदस्त पारी खेल भारतीय टीम को खिताब जिताया था, वहीं युवराज सिंह इस टूर्नामेंट के हीरो चुने गये थे, इस ऐतिहासिक लम्हें को 9 साल बीत चुके हैं, अब युवी ने धोनी और रैना को लेकर बड़ा बयान दिया है, युवराज ने खुलासा किया था कि धोनी उन्हें फाइनल में नहीं खिलाना चाहते थे, माही की वजह से सुरेश रैना को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला था, आइये विस्तार से बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।

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युवी का बड़ा खुलासा
युवराज सिंह ने यू-ट्यूब चैनल स्पोर्ट्स तक से खास बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी कप्तान का अपना मनपसंद खिलाड़ी होना बिल्कुल आम बात है, जब बात धोनी की आती है, तो वो खिलाड़ी सुरेश रैना थे, जिसे धोनी का समर्थन हासिल था, युवी ने बताया कि 2011 विश्वकप के दौरान धोनी को टीम चयन को लेकर सिरदर्द का सामना करना पड़ा, उन्हें प्लेइंग इलेवन में यूसुफ पठान, मुझमें और रैना में से किसी दो चुनना था।

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रैना का समर्थन करते थे माही
युवी ने आगे बोलते हुए कहा कि तब सुरेश रैना को माही का पूरा समर्थन हासिल था, सभी कप्तानों के पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं, मुझे लगता है कि उस समय माही ने रैना को काफी सपोर्ट किया था, आखिर में प्लेइंग इलेवन में युवी और रैना को जगह मिली, यूसुफ पठान को बाहर बिठाया गया, युवी ने कहा कि उस समय पठान भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, मैं भी अच्छा कर रहा था, गेंद से भी सहयोग दे रहा था, रैना अच्छी लय में नहीं था, उस समय टीम के पास बायें हाथ का स्पिनर नहीं था, और मैं विकेट हासिल कर रहा था, इसलिये उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।

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रैना के आंकड़े पठान से बेहतर
हालांकि युवराज सिंह जो भी दावे कर रहे हो, लेकिन सुरेश रैना का विश्वकप 2011 में पठान से अच्छा प्रदर्शन था, रैना ने 4 मैचों की तीन पारियों में 74 के औसत से 74 रन बनाये थे, इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 98.66 का रहा, वहीं पठान ने 6 पारियों में सिर्फ 14.80 के औसत से 74 रन ही बनाये, इसके अलावा सुरेश रैना को पठान से ज्यादा अनुभव भी था, शायद इसी वजह से धोनी उन्हें पठान पर तरजीह दे रहे थे, वीडियो देखने के लिये नीचे क्लिक करें