यहां नालियों में बहाई जा रही फ्रेश बीयर, जानिये आखिर क्यों आ गई ऐसी नौबत?

बोतलबंद बीयर की तुलना में फ्रेश बीयर को कम समय तक ही अच्छी हालत में रखा जा सकता है।

New Delhi, Apr 24 : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये मोदी सरकार ने पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन किया है, कुछ जीवन आवश्यक चीजों को छोड़कर सभी दुकानें और कारोबार बंद है, इसका खामियाजा बीयर कंपनियों को भी उठाना पड़ रहा है, दिल्ली-एनसीआर में करीब 50 बीयर प्लांट्स को 1 लाख लीटर से ज्यादा फ्रेश बीयर नाली में बहानी पड़ी है, जी हां, बीयर कंपनियों ने सरकार से विदेशों की तर्ज पर होम डिलीवरी की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली, इसलिये प्लांटों को ताजी बीयर नालियों में बहानी पड़ रही है, क्योंकि उसको खराब होने से बचाने के लिये ज्यादा लागत लग रही थी, इसलिये कंपनियों ने इसे नाली में बहाने का फैसला लिया।

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नाली में बहाने को विवश
एनबीटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर की माइक्रोब्रुअरीज कंपनी हजारों लीटर फ्रेश बीयर को नालियों में बहाने को विवश है, गुरुग्राम में करीब एक लाख लीटर बीयर को नाली में बहा दिया गया है, इसकी वजह है कि फिलहाल सभी बीयर प्लांट बंद पड़े हैं, इन्हें बोतलों में नहीं रखा गया है, दूसरी ओर इसे खराब होने से बचाने के लिये इसकी कीमत से कहीं ज्यादा खर्च करना पड़ता है, इसलिये कंपनियों ने इसे बहाने का फैसला लिया।

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प्लांट को निश्चित तापमान पर रखना पड़ता है
मालूम हो कि बोतलबंद बीयर की तुलना में फ्रेश बीयर को कम समय तक ही अच्छी हालत में रखा जा सकता है, ब्रुअरी कंसल्टेंट ईशान ग्रोवर ने इस मामले में बताया कि बीयर को ताजा रखने के लिये प्लांटों को एक निश्चित तापमान पर रखना पड़ता है, हर रोज उनकी मॉनिटरिंग बहुत जरुरी है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे रखना संभव नहीं है, इसलिये इसे नाली में बहाना पड़ रहा है, गुरुग्राम की करीब 50 माइक्रोब्रुअरीज कंपनियों को 1 लाख लीटर से ज्यादा बीयर फेंकना पड़ा है, स्ट्राइकर एंड सोई 7 के ललित अहलावत ने बताया कि 5 हजार लीटर बीयर नाली में बहा दी, इसी तरह प्रैंकस्टर के प्रमोटर ने भी तीन हजार लीटर बीयर फेंक दी।

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क्षमता से भरे हुए
जब 4 हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन का ऐलान किया, तो ज्यादातर बीयर प्लांट अपनी पूरी क्षमता से भरे हुए थे, उसके बाद से ही वो अपने स्टॉक को मेनटेन कर रहे हैं, कंपनियों का कहना है कि मुसीबत सिर्फ लॉकडाउन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लॉकडाउन के बाद भी ग्राहक कोरोना के डर और सोशल डिस्टेंसिंग की चिंताओं की वजह से पहले की तरह बीयर पीने आएंगे, इस बात की संभावना कम है, कंपनी मालिकों ने सरकार से लाइसेंस में और टैक्स में कुछ छूट देने की मांग की है।

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