मोदी-ट्रंप मिलकर चीन को दोहरा झटका देने की तैयारी में, लिखी जा रही है स्क्रिप्ट

मोदी सरकार अगर इन कंपनियों को भारत लाने में सफलता हासिल करती है, तो लंबे समय के लिये लगे लॉकडाउन के प्रभावित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

New Delhi, May 08 : दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना का कहर जारी है, इस खतरनाक संक्रमण से अब तक करीब 2.75 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, इस महामारी की सबसे अमेरिका भी बेहद प्रभावित हुआ है, जहां 76 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। अमेरिका इस महामारी के लिये चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है, दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते बिगड़ने के संकेत मिल रहे हैं, इसका बड़ा फायदा भारत को मिल सकता है।

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मोदी ने शुरु की कोशिश
भारत सरकार इस ट्रेड वॉर का फायदा उठाकर अमेरिकी कंपनियों को चीन से निकालकर भारत लाने की तैयारी में जुट गई है, भारतीय अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने अप्रैल में एक हजार से अमेरिकी मैन्यूफैक्टरिंग कंपनियों से संपर्क किया है, उन्हें चीन से कारोबारी गतिविधियों को हटाकर भारत ने से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया है।

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550 उत्पाद तैयार करती है कंपनी
आपको बता दें कि चीन में प्लांट लगाकर काम करने वाली अमेरिकी कंपनियां करीब 550 से ज्यादा उत्पाद बनाती है, सरकार का मुख्य ध्यान मेडिकल इक्विपमेंट आपूर्तिकर्ता, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, लेदर, टेक्सटाइल्स और ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनियों को आकर्षित करने पर है।

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ट्रंप प्रशासन का आरोप
ट्रंप प्रशासन चीन पर आरोप लगा रही है, कि चीन ने इस वायरस को वुहान के लैब में पैदा किया है, जिससे दुनियाभर में पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है, साथ ही अमेरिका ने कहा कि इस संक्रमण की वजह से वैश्विक व्यापार पर और बुरा असर पड़ने की आशंका है, इस बीच कंपनियों और सरकारों ने आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करने के लिये अपने संसाधनों को चीन से बाहर दूसरे देशों में फैलाना शुरु कर दिया है, जापान ने कंपनियों को चीन से बाहर निकलने में मदद के लिये 2.2 अरब डॉलर की राशि सुनिश्चित की है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी
मोदी सरकार अगर इन कंपनियों को भारत लाने में सफलता हासिल करती है, तो लंबे समय के लिये लगे लॉकडाउन के प्रभावित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, साथ ही जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के योगदान को वर्तमान में 15 फीसदी से बढाकर 25 फीसदी तक ले जाने में मदद मिलेगी, मालूम हो कि कोरोना के कारण देश में लगभग साढे 12 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इसलिये अगर ये कंपनियां भारत आती है, तो देश में रोजगार के मौके बढेंगे।