भारत के इस आश्रम से मिला जुकरबर्ग को फेसबुक को बुलंदी पर पहुंचाने का वरदान, खुद किया था जिक्र

मार्क जुकरबर्ग ने अपनी भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा था कि मैं भारत में एक महीने तक घूमा और देखा कि लोग किस तरह से एक-दूसरे से जुड़े हैं।

New Delhi, May 14 : फेसबुक संस्थापक और दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपतियों में शामिल मार्क जुकरबर्ग ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान बताया था कि वो भारत को ज्ञान का मंदिर मानते हैं, यहां से ही उन्होने फेसबुक को फिर से संगठित करने की प्रेरणा ली, जुकरबर्ग ने पीएम से मुलाकात के दौरान भारत के एक मंदिर का जिक्र किया था, हालांकि उन्होने इस मंदिर का नाम नहीं बताया था।

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आश्रम में समय बिताया
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार मार्क जुकरबर्ग ने उत्तराखंड के नीम करोली बाबा आश्रम में समय बिताया था, मंदिर चलाने वाले ट्रस्ट के सेक्रेटरी विनोदी जोशी ने बताया कि कुछ साल पहले अमेरिकी फिजिशियन और गूगल डॉट ओआरजी के पूर्व डायरेक्टर लैरी ब्रिलियंट ने उन्हें फोन किया था, लैरी ने बताया कि उन्होने कहा कि मार्क नाम का लड़का आश्रम आ रहा है, वो कुछ दिन रुकेगा, हालांकि जोशी को ये याद नहीं है, कि जुकरबर्ग किस साल उनके आश्रम आये थे, आपको बता दें कि ये वही जगह है, जहां कुछ साल पहले एपल फाउंडर स्टीव जॉब्स भी आये थे।

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कंपनी को खड़ा कपने में मिली मदद
मार्क जुकरबर्ग ने अपनी भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा था कि मैं भारत में एक महीने तक घूमा और देखा कि लोग किस तरह से एक-दूसरे से जुड़े हैं, मुझे एहसास हुआ कि अगर सबके पास जुड़ने की क्षमता हो तो दुनिया कितनी बेहतर हो सकती है, इसे मुझे फेसबुक को आगे बढाने में काफी मदद मिली।

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फेसबुक कठिन दौर से गुजर रहा था
जुकरबर्ग ने बताया कि दस साल पहले जब फेसबुक कठिन दौर से गुजर रहा था, बिकने की कगार पर पहुंच गया था, तो उनके गुरु और एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स ने कहा था कि मैं भारत में एक मंदिर का दौरा करुं, उन्होने कहा कि इसलिये मैंने करीब एक महीने तक भारत का दौरा किया, उनके अनुसार भारत की यात्रा के बाद उनके भीतर फेसबुक को अरबों रुपये की कंपनी के रुप में तब्दील करने का भरोसा फिर से पैदा हुआ।

कुछ करने से पहले आपको मंदिर जाना चाहिये
फेसबुक के संस्थापक ने कहा कि विचार ये है कि कुछ करने से पहले आपको मंदिर जाना चाहिये, भारत में बहुत आशावाद है, आप भारत पहुंचते हैं, तो आशा लिये मंदिर जाते हैं, और देखिये कि आप कहां पहुंच जाते हैं, आपका अनुभव आशा दिखाता है, भारत के बारे में कुछ विशेष है।