गुरुग्राम से दरभंगा तक पिता को साइकिल से घर लाई ज्‍योति, इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर लिखी बड़ी बात

15 साल की बच्ची के लिए रोजाना 100 किमी से अधिक साइकिल चलाना आसान काम नहीं है। वहीं ज्योति ने इस बारे में कहा कि उनके पास साइकिलिंग महासंघ वालों का फोन आया था…

New Delhi, May 23: प्रवासी मजदूरों की कई तस्‍वीरों ने विचलित किया तो कुछ तस्‍वीरें हौसले को सलाम करने वाली रहीं । 15 साल की ज्‍योति भी ऐसे ही हौसले का दूसरा नाम है । गुरुग्राम से दररभंगा तक का 12 सौ किमी. का लंबा सफर एक मामूली साइकिल पर पूरा करने वाली ज्‍योति की देश भर में तारीफ हो रही है । जख्‍मी पिता को साइकिल के कैरियर पर बैठाकर जब तक घर नहीं पहुंची सांस नहीं लिया । ज्‍योति के लिए अब शाबाशी अमेरिका से आई है ।

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इवांका ट्रंप का ट्वीट
ज्‍योति के इस हौसले को सलाम करते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ट्वीट किया है । इवांका ने अपने ट्वीट में लिखा     है – 15 साल की ज्योति कुमारी, अपने घायल पिता को 7 दिनों में +1,200 किलोमीटर की दूरी तय करके अपनी साइकिल के पीछे अपने घर गाँव ले गई। धीरज और प्रेम के इस खूबसूरत करतब ने भारतीय लोगों और साइकलिंग फेडरेशन की कल्पना पर कब्जा कर लिया है!

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इवांका के ट्वीट पर रिएक्‍शन
इवांका ने ज्‍योति की तारीफ तो की है लेकिन सोशल मीडिया पर उन्‍हें ट्रोलर्स का सामना भी करना पड़ा है । ज्‍योति को इतनी दूर साइकिल चलाकर जाना पड़ा, इसे लोग सरकार की नाकामी बता रहे हैं । यूजर्स का कहना है कि एक गरीब परिवार के साथ लॉकडाउन में बहुत ही बुरा समय बीत रहा है । प्रवासी मजदूरों की हालत खराब है और वो इस तरह से अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं । इसमें वाहवाही की क्‍या बात है ।

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साइकिल फेडरेशन ने दिया है ऑफर
आपको बता दें शुक्रवार को खबर मिली थी कि 15 साल की ज्‍योति को साइकिल फेडरेशन की ओर से साइकिल भारतीय साइकिलिंग महासंघ के निदेशक वीएन सिंह ने एक बड़ा ऑफर दिया है । साइकिल असोसिएशन ने उन्हें ‘क्षमतावान’ करार देते हुए कहा कि फेडरेशन ज्योति को ट्रायल का मौका देगी और अगर वह सीएफआई के मानकों पर थोड़ी भी खरी उतरती हैं तो उन्हें विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी। वीएन सिंह ने ये भी कहा कि महासंघ हमेशा प्रतिभावान खिलाड़ियों की तलाश में रहता है और अगर ज्योति में क्षमता है तो उसकी पूरी मदद की जाएगी।

लॉकडाउन के बाद ट्रायल, ज्‍योति भी तैयार
फेडरेशन की ओर से कहा गया कि ज्‍योति और परिवार से बात की गई है, उन्‍हें बताया गया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब भी मौका मिलेगा वह दिल्ली आएं और उनका इंदिरा गांधी स्टेडियम में हम उनका छोटा सा टेस्ट लेंगे । सिंह ने कहा कि 15 साल की बच्ची के लिए रोजाना 100 किमी से अधिक साइकिल चलाना आसान काम नहीं है। वहीं ज्योति ने इस बारे में कहा कि उनके पास साइकिलिंग महासंघ वालों का फोन आया था और उन्होंने ट्रायल के बारे में बताया । ज्‍योति ने कहा कि वो अभी बहुत थकी हुई हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद अगर मौका मिलेगा तो वो जरूर ट्रायल देंगी । ज्‍योति ने आगे कहा कि वो आगे पढ़ना भी चाहती हैं ।