योगी सरकार ने तैयार की पूरी रणनीति, 7.50 लाख श्रमिकों को मिलेगा रोजगार, ये है पूरा प्लान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हर ईकाइ से सरकार स्किल्ड और नॉन स्किल्ड मैन पावर की डिमांड मांग रही है, साथ ही उद्योगों को हर तरह की मदद देने में भी सरकार जुटी है।

New Delhi, May 28 : अलग-अलग प्रदेशों से यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को रोजगार देने के लिये योगी सरकार बड़ा प्लान बना रही हैं, जिससे बहुत जल्दी करीब 7.50 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा, इसके लिये योगी सरकार इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद के साथ एमओयू साइन करेगी, सरकार की कोशिश है कि हर औद्योगित ईकाइ में कम से कम 10 कामगारों को एडजस्ट किया जाए।

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इन सेक्टरों में मिलेगा रोजगार
योगी सरकार ने साढे सात लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की जो रुपरेखा तैयार की है, उसके मुताबिक एमएसएमई में पांच लाख कामगारों को रोजगार मिलेगा, जबकि रियल एस्टेट सेक्टर में ढाई लाख कामगार नौकरी पा सकेंगे, दोनों ही सेक्टर में कितने मैन पावर की जरुरत है, इसके लिये डाटा तैयार करने को कहा गया है, सरकार की ये भी कोशिश है कि श्रमिकों की योग्यता और उनके अनुभव के अनुसार स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके।

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हाई कोर्ट ने भी मांगा रोडमैप
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी योगी सरकार से पूछा है कि घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के रोजगार और उनके पुनर्वास समेत ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी को रोकने के लिये क्या नीति बनाई है, कोर्ट ने पूछा है कि बाहरी प्रदेशों से लौटे मजदूर फिर पलायन ना करें, इसके लिये कुछ प्लान तैयार किया है, तमाम सवालों के साथ कोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार को 1 जून को मजदूरों के परिवार समेत प्रदेश में ही रोजगार देने के लिये राज्य सरकार से ले आउट प्लान पेश करने का निर्देश दिया है।

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प्रदेश सरकार कर रही ये मांग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हर ईकाइ से सरकार स्किल्ड और नॉन स्किल्ड मैन पावर की डिमांड मांग रही है, साथ ही उद्योगों को हर तरह की मदद देने में भी सरकार जुटी है, उन्होने अधिकारियों को सीधा निर्देश दिया है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरु कराएं, सप्लाई चेन क्लियर कराने और बाती सरकारी सहूलियतों में उद्यमियों को पूरा सहयोग दें। उद्योगों को चलाने में मदद देने के साथ ही सरकार हर छोटी तथा बड़ी उद्यम इकाई से मैनपावर डिमांड की मांग कर रही है।