पत्‍नी से पहले नवाजुद्दीन का सच सामने लाई थीं उनकी पूर्व प्रेमिका, ओपन लेटर से मचा दी थी सनसनी

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जिंदगी में भूचाल आया हुआ है, दो साल पहले ये भूचाल एक किताब के कारण आया था । जिसके बाद उनकी प्रेमिका ने उनकी अकल ठिाकाने लगाते हुए एक खुला खत जारी कर दिया था ।

New Delhi, May 29: नवाजुद्दीन सिद्दीकी पिछले कुछ दिनों से लगातार खबरों में हैं, लॉकडाउन में वो अपने घर बुढ़ाना तो पहुंच गए लेकिन उनका अपना घर यानी कि पत्‍नी और बच्‍चे उनसे दूर हो गए हैं । हालांकि पत्‍नी आलिया का साफ कहना है कि नवाज ने उनकी कभी परवाह ही नहीं की, इसीलिए वो उनसे तलाक चाहती हैं और बच्‍चों के लिए उनका हक । नवाजुद्दीन की ओर से पत्‍नी की इस कार्रवाई पर कोई बयान नहीं आया है । दरअसल पत्‍नी आलिया नवाज की एक किताब आने के बाद से बहुत ज्‍यादा परेशान रहने लगी थीं । 3 साल पहले नवाज की किताब An Ordinary Life: A Memoir लॉन्‍च हुई थी, जिसमें नवाज के किस्‍से पढ़कर वो हैरान रह गईं । लापरवाह नवाज अब उन्‍हें बिलकुल नागवार गुजर रहे थे । नवाज की इस किताब ने उनकी एक पूर्व प्रेमिका को भी परेशान किया । किताब में अपना नाम देखकर नाराज हुई थिएटर आटिस्‍ट सुनीता राजावर ने नवाज के नाम एक खुला खत ही लिख दिया ।

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नवाज की किताब में सुनीता का जिक्र
नवाजुद्दीन सिद्दी की जिंदगी पर लिखी गई इस किताब ने उनके कई लड़कियों से संबंधों के बारे में भी खुलकर लिखा गया था । किताब में नवाज ने लिखा था कि सुनीता राजावर उनका पहला प्‍यार थीं । लेकिन गरीबी की वजह से उन्होंने उन्हें छोड़ दिया था । उन्होंने दावा किया कि बेरोजगारी की वजह से जब उनका ब्रेकअप हुआ, उस वक्त वो सुसाइड तक की सोचने लगे थे । जब सुनीता राजावार को किताब में किए गए इस दावे का पता चला तो वो खुलकर सामने आईं और नवाज को खूब खरीखेटी सुनाई ।

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फेसबुक पर लिखा खुला खत
आपको बता दें सुनीता राजवार एक थिएटर आर्टिस्‍ट हैं और वो अब तक कई फिल्‍मों में काम कर चुकी हैं । उनके नवाज से संबंध रह चुके हैं, लेकिन नवाज ने जो वजह उनके ब्रेकअप की बताई वो उन्‍हें नागवार गुजरी । सुनीता ने फेसबुक पर लिखा था –  कहते हैं नसीब वक्त बदल सकता है, इंसान की फितरत नहीं। नवाज की किताब पढ़कर कुछ ऐसा ही लगा और यकायक ‘मेलाराम वफ़ा’ का एक शेर याद आ गया, “एक बार उसने मुझको देखा था मुस्कुराकर, इतनी सी हकीकत है बाकी कहानियां हैं”। क्योंकि इस बायोग्राफी में काफी हद तक सिर्फ छपाई है, सच्चाई नहीं, कई बातें नवाज़ ने अपने मन से, अपने हिसाब से और अपने हक में लिखी हैं। चित भी मेरी पट भी मेरी टाइप्स। उन्होंने बड़ी ही खूबसूरती से खुद को बुरा भी कह दिया है और उतनी ही खूबसूरती से अपनी बुराई का सारा ठींकरा औरतों पर फोड़ दिया है। खासकर मुझ पर, क्योंकि उनकी मानें तो मेरे बाद उनका प्यार से और औरतों से विश्वास ही उठ गया था और उनके सारे इमोशन्स RIP यानी रेस्ट इन पीस हो गये थे।

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‘असलियत कुछ और ही है’
सुनीता ने आगे लिखा – नवाज़ का कहना है कि वो गरीब थे और स्ट्रगलर थे इसलिये मैने उन्हें छोड़ दिया। तो नवाज़ मैं क्या थी, तुम से गरीब तो मैं थी, तुम तो कम से कम अपने घर मैं रह रहे थे मैं तो दोस्त के घर में रहकर स्ट्रगल कर रही थी। सुनीता ने लिखा – अब जब तुम सब हदें पार कर ही चुके हो तो ये भी जान लो कि मैंने तुम्हें क्यों छोड़ा था, मैंने तुम्हें इसलिए छोड़ा था क्योंकि तुम हमारे संबंध का मज़ाक बनाते हुए सब व्यक्तिगत बातें हमारे कॉमन फ्रेंड्स के साथ शेयर किया करते थे। तब मुझे पता चला कि तुम औरत और प्यार के बारे में क्या सोच रखते हो । दूसरा बड़ा झूठ जिसने मुझे ये पोस्ट लिखने के लिए मजबूर किया वो ये कि तुम्हारे सफल होने पर मैंने लोगों को ये बताना शुरु कर दिया कि कभी तुम्हारे और मेरे गहरे संबंध थे। ना मैंने तब किसी को कुछ बोला था और ना आज तक किसी को कुछ बताया।

‘गरीबी नहीं मैंने तुम्‍हे गरीब सोच के कारण छोड़ा’
तुमने लिखा है कि मैं तुम्हारा पहला प्यार थी, सूखे में पहली बारिश की तरह, अगर ये पहला प्यार था तो भगवान करे किसी को ऐसा पहला प्यार न मिले। आज नाम है तुम्हारा, अच्छा काम कर रहे हो, इसलिए तब तो नहीं कहा था, पर अब जरूर कहूंगी कि अपने करियर पर फोकस करो। मैंने तुम्हें तुम्हारी गरीबी की वजह से नहीं तुम्हारी गरीब सोच की वजह से छोड़ा था। तुमने अपनी बायोग्राफी से साबित कर दिया कि मैं जिस नवाज़ को जानती थी तुम आज उससे ज्यादा ग़रीब हो। ना तुम्हें तब औरतों की इज़्जत करनी आती थी और ना ही अब सीख पाए हो। तुम्हारे हालात पर बस इतना ही कहूंगी, “ जा, तू शिकायत के काबिल होकर आ, अभी तो मेरी हर शिकायत से तेरा क़द बहुत छोटा है”।। और हाँ, मैं पहाड़न नहीं, पहाड़ हूं।।।