टीम इंडिया को दो विश्वकप जिताने वाले कप्तान का छलका दर्द, पद्मश्री से ज्यादा मुझे नौकरी की जरुरत

साल 2017 में शेखर नाइक को पद्मश्री सम्मान के साथ 1-1 लाख रुपये केन्द्र और राज्य सरकार से मिले थे, इस राशि को उन्होने अपनी दोनों बेटियों के भविष्य के लिये एफडी कर दिया था।

New Delhi, May 30 : टीम इंडिया को दो बार ब्लाइंड विश्वकप जिताने वाले कप्तान शेखर नाइक इन दिनों आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, यही कारण है कि उन्होने देश के खेल मंत्री किरण रिजिजू से स्पोर्ट्स कोटा के तहत नौकरी की मांग की है, ताकि वो अपनी 31 वर्षीय पत्नी पूजा, दो बेटियां 10 साल की पूर्विका और 5 साल की संविका का अच्छे से जीवन यापन कर सके, उन्होने कहा कि उन्हें पद्म श्री सम्मान नहीं बल्कि नौकरी चाहिये।

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पद्मश्री सम्मान पाने वाले पहले ब्लाइंड क्रिकेटर
बंगलुरु के रहने वाले 33 वर्षीय शेखर नाइक देश के पहले ब्लाइंड क्रिकेटर हैं, जिन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका हैं, उन्होने बंगलुरु में साल 2012 में टी-20 विश्वकप और 2015 में दक्षिण अफ्रीका में वनडे विश्वकप में बतौर कप्तान टीम को जीत दिलाई थी, वो मौजूदा समय में एक निजी कंपनी में काम करते हैं, लेकिन कोरोना का असर उनकी कंपनी पर भी पड़ा है, जिससे उनको नुकसान हुआ है।

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मुश्किल दौर से गुजर रहा
शेखर नाइक ने मिड डे से बात करते हुए कहा कि मेरी सैलरी 25 हजार रुपये है, जिसमें से मेरे घर का किराया 12 हजार रुपये निकल जाता है, पहले मैं किसी तरह से परिवार के खर्च को मैनेज कर लेता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मेरी सैलरी होल्ड पर है, ऐसे में मैं 2 महीने से घर का किराया तक नहीं दे पा रहा हूं, मेरा परिवार इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है, मेरी सारी सेविंग्स भी खत्म हो गई है।

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नौकरी की जरुरत
शेखर ने बताया कि लगातार मैंने अधिकारियों से बात की, लेकिन हर किसी ने अनसुना किया, बीए पास शेखर नाइक ने कहा कि पिछले साल सालों में मैंने कर्नाटक के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की, उनसे सरकारी नौकरी का अनुरोध किया, पिछले दिसंबर में मैं दिल्ली में खेल मंत्री किरण रिजिजू से मिला था, उनसे कहा कि पद्मश्री से ज्यादा मुझे एक अच्छी नौकरी की जरुरत है, क्योंकि मेरी पत्नी भी नेत्रहीन है। ऐसे में घर का खर्च चला पाना मुश्किल होता है।

8 साल की उम्र में एक्सीडेंट
शेखर नाइक का 8 साल की उम्र में एक्सीडेंट हुआ था, जिसकी वजह से 60 फीसदी दृष्टि सीधी आंख में मिली, लेकिन बायीं आंख का इलाज नहीं हो सका, एक बी-2 कैटेगरी के ब्लाइंड क्रिकेटर शेखर नाइक मध्यम तेज गति गेंदबाज हैं, उन्हें 2012 विश्वकप में बेस्ट गेंदबाज का अवॉर्ड मिला था। तब कर्नाटक सरकार ने उन्हें तीन लाख रुपये बतौर इनाम दिये थे, जिससे उन्होने रेंट भर दिया था, उन्हें खेल मंत्रालय की ओर से 7 लाख रुपये मिले थे, क्योंकि उन्होने 650 रन बनाये थे और 17 विकेट हासिल किये थे, हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें से दो लाख 10 हजार रुपये उन्होने क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन इंडिया को डोनेट कर दिया था, ताकि ब्लाइंड क्रिकेटरों की मदद की जा सके।

पद्मश्री सम्मान
साल 2017 में शेखर नाइक को पद्मश्री सम्मान के साथ 1-1 लाख रुपये केन्द्र और राज्य सरकार से मिले थे, इस राशि को उन्होने अपनी दोनों बेटियों के भविष्य के लिये एफडी कर दिया था, अपनी बात रखते हुए शेखर नाइक ने कहा कि ये अच्छा है कि नेत्रहीन क्रिकेटरों को पुरस्कार मिले, हालांकि वो छोटे हो सकते हैं, लेकिन ये ज्यादा महत्वपूर्ण है, कि उन्हें सुरक्षित भविष्य के लिये उचित रोजगार दिया जाए।