चीन के सवाल पर आर-पार के मूड में अमित शाह, कोई समझौता नहीं करेगी मोदी सरकार

प्रवासी मजदूरों के पलायन के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि ऐसा कहना उचित नहीं है कि सरकार ने लॉकडाउन में जल्दबाजी की है, अगर ऐसा नहीं होता तो भगदड़ मच जाती।

New Delhi, Jun 02 : मोदी सरकार 2.0 के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है, हालांकि कोरोना की वजह से सरकार इस बार इसे जश्न के रुप में नहीं मना रही, लेकिन अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने एक निजी न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धि पहले और दूसरे कार्यकाल को अलग करके नहीं देखा जा सकता, आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी सरकार को पूर्ण बहुमत मिला, 5 साल तक मोदी जी ने एक महान भारत की रचना के लिये काम किया, जिसके बाद 2019 में फिर भारी जनादेश मिला।

Advertisement

प्रवासी मजदूरों पर बोले अमित शाह
प्रवासी मजदूरों के पलायन के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि ऐसा कहना उचित नहीं है कि सरकार ने लॉकडाउन में जल्दबाजी की है, अगर ऐसा नहीं होता तो भगदड़ मच जाती, उस समय हमारी टेस्टिंग, क्वारंटाइन व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी, हमने अगले दो महीनों में इन सुविधाओं को दुरुस्त किया, 11 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकारों को खाना खिलाने के लिये दिये गये।

Advertisement

चीन के मामले पर नहीं करेंगे समझौता
गृह मंत्री ने एलएसी पर चीन के साथ चल रही तनातनी पर कहा कि एलएसी पर तनातनी के स्वाभाव को कोई सार्वभौमिक राष्ट्र हल्के में नहीं ले सकता, हमारी राजनयिक और सैनिक बातचीत जारी है, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई समझौता नहीं करेगी, हम इसके लिये अडिग होकर खड़े रहेंगे, उनसे पूछा गया कि क्या तमाम संबंध सुधारने की कोशिश के बाद चीन की इस हरकत से आप नाराज हैं, तो अमित शाह ने कहा कि हमें इसकी जरुरत नहीं है। गृह मंत्री ने कहा कि हमने किसी भी सीमा का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन हमारी सीमा का जिसने भी उल्लंघन किया है, उसे लेकर हम पीछे नहीं रहे हैं, हमने सर्जिकल स्ट्राइक कर सबक भी सिखाया है।

Advertisement

पूरी दुनिया की तुलना में अच्छे से कंट्रोल किया कोरोना
अमित शाह ने कहा कि भारत में प्रति लाख आबादी पर 12.6 लोग कोरोना से संक्रमित हैं, पूरी दुनिया की तुलना में हमने इसे अच्छे से कंट्रोल किया है, भारत में रिकवरी रेट 42 फीसदी है, अब देश के सभी राज्यों के सारे जिलों के भीतर ठीक-ठाक स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, जब तक वैक्सीन या दवा नहीं ढूंढी जाती, तब तक इस महामारी के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी, कोरोना के बाद दुनिया में भारत का एक अलग स्थान होगा।