पतंजलि ने तैयार की कोरोना की दवाई, स्वामी रामदेव का बड़ा दावा

क्या स्वामी रामदेव कभी स्वदेशी जैसा कोई आंदोलन चलाएंगे, इस सवाल पर योगगुरु ने कहा कि उन्हें ये देखकर बहुत कष्ट होता है, कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश को दूसरे देशों से आयतित खाद्य तेल पर निर्भर रहना पड़ता है।

New Delhi, Jun 05 : योगगुरु स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना संक्रमण के इलाज की सौ फीसदी कारगर दवा बना ली है, फिलहाल दवा का परीक्षण किया जा रहा है, जल्द ही इसे वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ लोगों के सामने पेश किया जाएगा। रामदेव ने दावा किया कि उनकी दवाओं के इस्तेमाल, योगासन, शाकाहारी भोजन तथा शुद्ध अहिंसक जीवन अपना कर कोरोना का सौ फीसदी इलाज किया जा सकता है, इन दवाओं के निर्माण में तुलसी, अश्वगंधा जैसी सौ जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है।

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हिंसक भोजन का परिणाम
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना मनुष्य के गलत आचार-विचार और हिंसक भोजन का परिणाम है, अगर इंसान अहिंसक तरीके से जीवन जिए, शुद्ध-सात्विक भोजन करे, अपना आचार-विचार और व्यवहार ठीक रखे, तो उसे कोरोना जैसी महामारी का कभी सामना हीं नहीं करना पड़ेगा।

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स्वस्थ्य जीवन का राज योगासन
बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम में कुछ योगासन भी करके दिखाया, उन्होने दावा करते हुए कहा कि इनके माध्यम से कोई भी व्यक्ति स्वयं को रोगमुक्त रख सकता है। उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को आजीवन निरोगी रहने के लिये 3 से 5 मिनट प्राणायम, 10 मिनट कपालभाती, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और ऊँ का उच्चारण करना चाहिये। रामदेव ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सूर्य नमस्कार आसन भी 10 से 15 मिनट कर ले, तो उसे पूरे दिन स्वस्थ्य रहने की ऊर्जा मिल जाती है, ऐसे लोग किसी बीमारी के जाल में नहीं फंसते। ये शून्य बजट में स्वस्थ्य रहने का एकमात्र कारगर उपाय है।

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स्वदेशी के लिये चलाएंगे आंदोलन
क्या स्वामी रामदेव कभी स्वदेशी जैसा कोई आंदोलन चलाएंगे, इस सवाल पर योगगुरु ने कहा कि उन्हें ये देखकर बहुत कष्ट होता है, कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश को दूसरे देशों से आयतित खाद्य तेल पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होने कहा कि अगर भारत को आने वाले समय में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल करना है, तो उसके लिये स्वदेशी मूलमंत्र ही अपनाना पड़ेगा, इसके लिये एक-एक कर क्षेत्र चुने जा सकते हैं और उन पर क्रम से काम किया जा सकता है। रामदेव ने बताया कि इस संदर्भ में उनकी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएमओ समेत कई महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत हुई है, आने वाले समय में वो स्वदेशी आंदोलन को एक नया रुप प्रदान करेंगे।

मां-बाप बच्चों को शराब नहीं पिलाते
रामदेव ने कहा कि सरकारें अपनी जनता की मां-बाप होती है, और कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को कभी शराब नहीं पिलाते, इसलिये सरकारों को राजस्व का मोह त्याग कर शराब जैसी चीजों पर रोक लगानी चाहिये। रामदेव ने कहा कि कोरोना काल में राजस्व बढाने के लिये शराब बेचने का वो कभी समर्थन नहीं कर सकते, उन्होने कहा को देश को व्यवसनों से मुक्ति के लिये भी आंदोलन चलाना चाहिये।

मोदी की तारीफ
पीएम मोदी के लॉकडाउन लगाने के फैसले को वो किस तरह से देखते हैं, इस सवाल पर योगगुरु ने कहा कि आलोचना करना बेहद आसान काम है, लेकिन अमेरिका, रुस, ब्रिटेन और चीन जैसे ताकतवर देशों में कोरोना की वजह से लाखों जानें गई है। उन सबको देखकर ये एहसास होता है कि पीएम ने लॉकडाउन का सख्त फैसला बिल्कुल सही समय पर लिया, अगर ये फैसला ना हुआ होता, तो आज भारत में 50 लाख मरीज होते और 1-2 लाख लोग जान गंवा चुके होते।