बेटे संजू की वजह से सुनील दत्त को घर तक रखना पड़ा था गिरवी, ऐसी हो गई थी हालत

सुनील दत्त ने फिल्मों से खूब नाम और पैसा कमाया, लेकिन उनके बेटे संजय दत्त का निजी जीवन उतार-चढाव वाला रहा।

New Delhi, Jun 06 : बॉलीवुड एक्टर सुनील दत्त फिल्म इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक रहे हैं, आज दत्त साहब का जन्मदिन है, उनका जन्म 6 जून 1929 को हुआ था, जब देश आजाद हुआ, तो वो 18 साल के थे, देश की आजादी और हिंदी सिनेमा के विकास के साथ हवा के रुख को पकड़ते हुए दत्त साहब ने हमेशा कदम आगे बढाया, वो आज ऐसी शख्सियत के रुप में याद किये जाते हैं, जिन्होने किसी एक जिंदगी को नहीं बल्कि कई जिंदगियों को सकारात्मक रास्ते की ओर ले आये।

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बेटे को जेल
सुनील दत्त ने फिल्मों से खूब नाम और पैसा कमाया, लेकिन उनके बेटे संजय दत्त का निजी जीवन उतार-चढाव वाला रहा, उनका नाम अंडरवर्ल्ड से जुड़ा, नशे की लत लग गई, कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा, हालांकि अब वो इन सब चीजों से बाहर आ चुके हैं।

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मकान गिरवी रखना पड़ा
संजू के कारण दत्त साहब को अपनी मकान तक गिरवी रखना पड़ा था, तब संजय दत्त बारह साल के थे, वो अपने बोर्डिंग स्कूल सनावर से छुट्टियों पर आये थे, पिता से मिलने के लिये फिल्म के सेट पर पहुंचे, तब फिल्म के एक कव्वाली की शूटिंग चल रही थी, दत्त साहब ने अपने बेटे संजू को पहला ब्रेक देने का मन बना लिया, और उन्होने संजू को भी कव्वाली में बिठा दिया।

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पहला अपीयरेंस
इसके साथ ही फिल्म से एक और दिलचस्प ट्रिविया जुड़ गया, क्योंकि संजय दत्त की ये पहली अपीयरेंस थी, लेकिन इसके बाद फिल्म पर ग्रहण लग गया, सुनील दत्त ने फिल्म के कुछ हिस्से देखे, उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आई, डायरेक्टर सुखदेव ने कुछ बातों को लेकर उनके मतभेद हो गये, जिनमें से एक रंजीत का फिल्म में होना भी माना जाता है, दत्त साहब ने फिल्म की कमान अपने हाथों में और दोबारा फिल्म शूट करने का फैसला लिया।

100 गुना बढ गई लागत
जब दोबारा फिल्म को शूट किया गया तो उसकी लागत 100 गुना बढ गई, फिल्म को रिलीज होने के बाद समीक्षकों की जबरदस्त सराहना मिली, लेकिन दर्शकों ने नकार दिया, दत्त परिवार को इससे जबरदस्त आर्थिक झटका लगा, सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें 60 लाख का नुकसान हुआ था, फिल्म के संगीत के लिये जयदेव को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, उन्होने संजय दत्त को अपना लकी चार्म माना था, लेकिन पिता के लिये ये फिल्म करियर का सबसे बड़ा घाटा बनकर आई थी। इसके बाद उन्हें अपना घर गिरवी रखना पड़ा, हालांकि कुछ ही दिनों में उन्होने सारा कर्ज खत्म कर दिया। सुनील दत्त को 1968 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। बाद में वो राजनीति में आये, 5 बार सांसद बने और केन्द्रीय मंत्री भी रहे।