उपचुनाव से पहले एमपी में चढा सियासी पारा, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के साथ कर दिया ‘खेल’

एमपी में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में सरकार बने करीब दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है।

New Delhi, Jun 06 : एमपी में आने वाले कुछ महीनों में उपचुनाव होने वाले हैं, इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अभी से तैयारी शुरु कर दी है, इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, दरअसल कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी शब्द को हटा दिया है, उसकी जगह उन्होने पब्लिक सर्वेंट लिखा है, ये खबर सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया, लोग तरह-तरह की बातें करने लगे, दरअसल जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ा था, तो उसके पहले उन्होने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस को हटा दिया था, हालांकि अभी तक इस पूरे मामले में बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं
आपको बता दें कि एमपी में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में सरकार बने करीब दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है, राजनीतिक जानकारों को दावा है कि सिंधिया अपने समर्थक विधायकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं, जबकि शिवराज सिंह चौहान संतुलन बनाकर चलना चाबते हैं, ताकि उनके अपने विधायक नाराज ना हों, यही वजह है बीजेपी पर दवाब बनाने के लिये सिंधिया ने अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी शब्द हटा दिया है।

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22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ा था
मालूम हो कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ा था, जिसमें से 6 कमलनाथ सरकार में मंत्री थे, बीजेपी सरकार के गठन के बाद शिवराज कैबिनेट में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक रखने की वजह से बीजेपी का आंतरिक समीकरण गड़बड़ा रहा है, सबसे ज्यादा खींचतान बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल में चल रही है, बुंदेलखंड क्षेत्र से बीजेपी के दो बड़े चेहरे गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह हैं, दोनों ही सागर जिले की विधानसभा सीटों से जीतकर विधायक बने हैं।

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गोविंद राजपूत भी सागर जिले के ही हैं
वहीं सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत भी सागर जिले के ही हैं, राजपूत के मंत्री बनाये जाने के बाद सागर जिले से एक और विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है, खुद सीएम शिवराज अपने करीबी भूपेन्द्र सिंह को कैबिनेट में जगह देना चाहते हैं, जबकि हाईकमना गोपाल भार्गव की अनदेखी नहीं करना चाहता, कमलनाथ सरकार को गिराने की रणनीति में भूपेन्द्र सिंह की बड़ी भूमिका थी, इस वजह से मामला फंसा हुआ है, एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि बीजेपी में स्थिति बगावत की है, इसी वजह से कैबिनेट विस्तार को टाला जा रहा है।

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