809 विकेट लेने वाला इंटरनेशल क्रिकेटर सड़क पर गुजार रहा 13 घंटे, गुजारा करने के लिये चिप्स भी बेचे

एविन चैटफील्ड की ताकत थी उनका गेंद पर गजब का कंट्रोल, उसी के दम पर उन्होने 43 टेस्ट मैचों में 180 विकेट अपने नाम किये और 114 वनडे में 118 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।

New Delhi, Jun 06 : एक ऐसा क्रिकेटर जिसने अपनी रफ्तार और स्विंग से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा दिया, एक ऐसा गेंदबाज जिसकी सटीक लाइन-लेग्थ बल्लेबाजों की परीक्षा लेती थी, वो गेंदबाज जिसने अपने क्रिकेटर करियर में 809 विकेट हासिल किये, लेकिन वो खिलाड़ी आज अपने परिवार का गुजारा करने के लिये 13 घंटे समय पर बिताता है, जी हां, हम बात कर रहे हैं, लगभग 70 साल के हो चुके न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज एविन चैटफील्ड की, जिन्होने न्यूजीलैंड के लिये 43 टेस्ट और 114 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले, इतना ही नहीं 157 फर्स्ट क्लास और 171 लिस्ट ए मैचों में भी हिस्सा लिया, लेकिन इसके बावजूद संघर्ष का जीवन जीने को विवश है।

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करियर
एविन चैटफील्ड की ताकत थी उनका गेंद पर गजब का कंट्रोल, उसी के दम पर उन्होने 43 टेस्ट मैचों में 180 विकेट अपने नाम किये और 114 वनडे में 118 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया, पूरे करियर में उन्होने 809 विकेट झटके, जब वो न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा थे, तो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किवी टीम ने घर पर टेस्ट सीरीज जीती थी। चैटफील्ड ने रिचर्ड हेडली के साथ मिलकर दुनिया के कई दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान किया, फरवरी 1980 में उन्होने तब सनसनी मचा दी थी, जब उन्होने वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम को 3 दिन में ढेर कर दिया था, उस मुकाबले में उन्होने पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 7 विकेट अपने नाम किये थे।

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सिर पर लगी थी गंभीर चोट
चैटफील्ड का टेस्ट करियर भी बेहद दर्दनाक अंदाज में शुरु हुआ था, साल 1974-75 में इंग्लैंड के खिलाफ ऑकलैंड टेस्ट में डेब्यू करने वाले चैटफील्ड 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे, अंग्रेज तेज गेंदबाज पीटर लीवर ने उन्हें बाउंसर मारी, और गेंद बल्ले का किनारा लेकर उनके सिर में जा लगी, गेंद लगते ही चैटफील्ड बेहोश हो गये, वो सांस तक नहीं ले पा रहे थे, जिसके बाद इंग्लैंड के फिजियो ने उनकी छाती दबाई और मुंह में सांस भरी, तब जाकर उन्हें होश आया, इतनी गंभीर चोट के बाद भी वो 14 सालों तक क्रिकेट खेले।

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ऐसे कर रहे गुजारा
फरवरी 1989 में रिटायरमेंट के बाद विलियम चैटफील्ड ने परिवार पालने के लिये छोटी-मोटी नौकरियां की, न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेटरों जितना पैसा नहीं मिलता है, इस वजह से उन्हें चिप्स के स्टोर में नौकरी करनी पड़ी, वैसे इस नौकरी से पहले उन्होने क्रिकेट कोचिंग भी दी थी, लेकिन बाद में उन्हें ये नौकरी छोड़नी पड़ी थी।

दूध की वैन चलाई
कोचिंग के बाद चैटफील्ड ने कुछ दिनों तक दूध की वैन चलाई, कूरियर ब्वॉय भी बनें, इन दिनों वो टैक्सी ड्राइवर हैं, वेलिंग्टन की सड़कों पर कॉरपोरेट कैब्स चलाते हैं, वो रोजाना करीब 13 घंटे कैब चलाते हैं, ताकि वो अपने परिवार का गुजारा कर सकें।