बड़ी खबर- बदल गया रेल आरक्षण टिकट का नियम, अब ये जानकारी देना जरुरी!

ऐसे में सवाल ये उठे कि इससे टिकट बुक करने में देरी होगी, जब तक फॉर्म भरेंगे, तब तक तो टिकटें ही खत्म हो जाएगी, या फिर दलाल उन पर कब्जा कर लेंगे।

New Delhi, Jun 06 : कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच भारतीय रेल लगातार ट्रेनों की संख्या बढा रहा है, संक्रमण से बचाव के लिये सिर्फ कंफर्म टिकट पाने वाले यात्रियों को ही रेल यात्रा की इजाजत दी जा रही है, इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी ने ट्रेनों के संचालन के साथ ही करेंट टिकटों की बुकिंग भी शुरु कर दी है, साथ ही कोरोना को देखते हुए रेलवे ने आरक्षण टिकट के फॉर्म में बदलाव किया है।

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ये जानकारी देना जरुरी
अब यात्रियों को फॉर्म में अपना पूरा पता, मकान नंबर, गली, कॉलोनी, शहर, तहसील और जिले की जानकारी भी देनी होगी, इसके साथ ही मोबाइल नंबर भी भरना होगा, जो यात्रा के समय आप लेकर चल रहे हैं। आप रिजर्वेशन काउंटर से टिकट लें, या फिर आईआरसीटीसी की वेबसाइट से या ऐप्प से, सभी में आपको ये जानकारी भरनी होगी।

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टिकट पर दलाल कर लेंगे कब्जा
ऐसे में सवाल ये उठे कि इससे टिकट बुक करने में देरी होगी, जब तक फॉर्म भरेंगे, तब तक तो टिकटें ही खत्म हो जाएगी, या फिर दलाल उन पर कब्जा कर लेंगे, इस पर रेलवे ने सफाई दी कि एक फॉर्म भरने में 70 सेकेंड से ज्यादा नहीं लगेगा, दरअसल राज्यों ने कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुए लोगों के पलायन से जुड़े आंकड़ें साझा करने का अनुरोध किया था। इसे देखते हुए रेलवे ने अपने सेंटर फॉर रेलवे इंफर्मेशन सिस्टम यानी क्रिस से सॉफ्टवेयर में बदलाव कराया है।

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कैंसिलेशन और रिफंड नियम
रेल यात्रियों को टिकट के कैंसिलेशन और किराया के रिफंड का नियम 2015 लागू है, कंफर्म टिकट पर डिपार्चर से 4 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर रेलवे आपको रिफंड नहीं देगा, अगर आपके पास कंफर्म टिकट है, और आप उसे रद्द कराना चाहते हैं, तो डिपार्चर से 4 घंटे पहले आपको रद्द कराना होगा, तभी आपको रिफंड मिलेगा। अगर किसी वजह से ट्रेन कैंसिल हो जाती है, तो फिर नियमों के अनुसार आपको रेल टिकट का पूरा रिफंड मिलेगा।