एक नहीं बल्कि दो बार दाऊद इब्राहिम से मिले थे ऋषि कपूर,  दूसरी बार में पत्नी नीतू भी थी साथ

अपनी आत्मकथा खुल्लमखुल्ला में ऋषि कपूर ने जानकारी दी है कि कैसे उनकी और दाऊद की मुलाकात हुई थी।

New Delhi, Jun 07 : अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर दावा किया जा रहा है कि कोरोना की वजह से उसकी मौत हो गई है, वो कराची के एक अस्पताल में भर्ती था, कोरोना की वजह से उसकी जीवन लीला समाप्त हो गई, हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है, इधर भारत में उससे जुड़ी कई किस्से कहानियां उभरकर सामने आने लगे हैं, इन्हीं में से एक कहानी के जरिये विरल भयानी ने सबका ध्यान खींचा है, उन्होने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में ऋषि कपूर और दाऊद की मुलाकात की कहानी लिखा है, हालांकि इसका सोर्स ऋषि कपूर की आत्मकथा खुल्लमखुल्ला ही है।

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दुबई में मुलाकात
अपनी आत्मकथा खुल्लमखुल्ला में ऋषि कपूर ने जानकारी दी है कि कैसे उनकी और दाऊद की मुलाकात हुई थी, उन्होने बताया कि साल 1988 में वो और उनके करीबी दोस्त आरडी बर्मन तथा आशा भोंसले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिये दुबई गये थे, तभी उनकी मुलाकात अंडरवर्ल्ड डॉन से हुई थी, किताब में बताया गया है कि जब वो एयरपोर्ट पर पहुंचे, तभी एक शख्स ने उनके पास आकर फोन या और कहा कि भाई बात करेंगे, इस पर ऋषि हैरान रह गये थे।

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दाऊद से बात
ऋषि कपूर ने जब हाथ में फोन लिया, तो दूसरी ओर सच में दाऊद था, जिसने उनका स्वागगत किया और कहा कि उन्हें किसी तरह की जरुरत हो, तो बता सकते हैं, इसके बाद उसने बॉलीवुड एक्टर को अपने घर बुलाया, वहां पहुंचने पर भगोड़े ने उनका खूब स्वागत किया, ऋषि कपूर के मुताबिक उस दौरान दाऊद सफेद इटैलियन ड्रेस में था, उसने माफी मांगने के अंदाज में कहा कि मैंने चाय पर आपको इसलिये बुलाया है, क्योंकि मैं शराब नहीं पाता।

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फिल्म पसंद आई
चाय पीते हुए दोनों के बीच करीब 4 घंटे बातचीत हुई, इस दौरान मुंबई ब्लास्ट के गुनहगार ने बॉलीवुड एक्टर से कहा कि उसे उनकी फिल्म तवायफ बहुत पसंद आई थी, क्योंकि इसमें उनके किरदार का नाम दाऊद था। इस दौरान दाऊद ने ऋषि कपूर से कहा कि उसने बस छोटी-मोटी चोरियां की है, लेकिन कभी किसी को जान से नहीं मारा है, हां किसी को मरवाया जरुर है, ऋषि ने अपनी किताब में ये बात साफ की है, कि ये मुलाकात 1993 में हुए बम ब्लास्ट से पहले की है, तब वो दाऊद को भगोड़ा नहीं समझते थे।

सामान खरीदवाने का ऑफर
दूसरी मुलाकात दोनों की कैसे हुई, उसके बारे में भी किताब में जिक्र है, ये साल 1989 था, ऋषि कपूर अपनी पत्नी नीतू कपूर के साथ दुबई में शॉपिंग कर रहे थे,  एक लेबनीज स्टोर में वो जूते खरीदने गये, जहां दाऊद भी मौजूद था, उसके साथ 8 बॉडीगार्ड्स थे, हाथ में मोबाइल फोन था, इस बार दाऊद ने ऋषि कपूर को कुछ भी खरीदकर देने का ऑफर किया, हालांकि उन्होने मना कर दिया, इसके बाद दाऊद ने उन्हें अपना मोबाइल नंबर दिया, लेकिन ऋषि मोबाइल नंबर नहीं दे सके, क्योंकि तब भारत में मोबाइल फोन आये ही नहीं थे।