दिल्ली: कोरोना Treatment के लिए चाहिए ये सारे Documents, अस्पतालों के बाहर तैनात किए गए अधिकारी
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार के भी हाथ-पांव फुला दिए हैं, इसी वजह से फैसला लिया गया है कि दिल्ली सरकार के अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल अब केवल दिल्ली के निवासियों का ही इलाज कर सकेंगे ।
New Delhi, Jun 08: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना मरीजों को लेकर बड़ा ऐलान किया है । केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आदेश जारी कर दिए हैं, दिल्ली में सिर्फ दिल्ली वासियों का ट्रीटमेंट होगा । दरअसल दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 28 हजार के पार हो चुकी है, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने इस बीच आदेश जारी किया है । इस आदेश के अनुसार दिल्लीवासियों को अब इलाज के लिए अस्पताल में कुछ दस्तावेज दिखाने होंगे ।
दिखाने होंगे दस्तावेज
अगर आप दिल्ली में हैं और कोरोना की चपेट में हैं तो आपके पास दिल्ली में इलाज कराने के लिए कुछ दस्तावेजों का होना आवश्यक है । आपको इलाज से पहले कुछ प्रमाण पत्र दिखाने होंगे । इन दस्तावेजों में आप वोटर आईडी, बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस का करेंट पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर इनकम टैक्स रिटर्न के कागजात दिखा सकते हैं।
ये भी मान्य
इन दस्तावेजों के अलावा मरीज या फिर उसके किसी परिजन के नाम का पानी का बिल, बिजली का बिल, दिल्ली में फोन या गैस कनेक्शन का बिल, संबंधित मरीज के दिल्ली वाले पते पर आया डाक विभाग से प्राप्त कोई भी डाक, नाबालिग के मामले में उसके पैरेन्ट के नाम का कोई भी ऊपर बताया गया कागजात और 7 जून 2020 से पहले बना आधार कार्ड मान्य होगा । अस्पतालों पर बोझ ना बढ़े दिल्ली सरकार की ओर से इसलिए ये कदम उठाए गए हैं । दिल्ली सरकार ने एक हेल्प डेस्क भी बनाई है । दिल्ली के अस्पतालों में अन्य बीमारियों के लिए पहले की तरह मरीज आ-जा सकेंगे ।
हेल्प डेस्क, अधिकारी तैनात
दिल्ली में अस्पतालों के मरीजों को भर्ती ना करने की खबरें भी आ रहीं थी, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने हेल्प डेस्क शुरू की है । दिल्ली में राज्य सरकार के अधीन आने वाले सभी 28 अस्पतालों में हेल्प डेस्क पर 24 घंटे मरीजों की सहायता के लिए सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया गया है । हर हॉस्पिटल में चार कर्मचारियों को मरीजों की सहायता के लिए तैनात किया गया है । हेल्प डेस्क में 12-12 घंटे की दो शिफ्ट होगी, हर शिफ्ट में दो-दो अधिकारियों की तैनाती की गई है । अस्पतालों में नाइट शिफ्ट के दौरान एक कॉन्स्टेबल को भी तैनात किया जाएगा । हेल्प डेस्क की ये भी जिम्मेदारी होगी कि वह अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बिना तकलीफ के भर्ती कराए ।