सारी संपत्ति कर दी हाथियों के नाम, मकान से लेकर बैंक बैलेंस तक, जानिए कौन है ये शख्स
केरल में प्रेग्नेंट हथिनी की दर्दनाक मौत के बाद से उनसे जुड़ी कई खबरें आ रही हैं । अब एक खबर अनोखी सी आई है, जिसे जानकर आप भी हैरान रहने वाली हैं ।
New Delhi, Jun 10: मासूम जानवरों पर होने वाले अत्यारों की खबरें कई बार सोशल मीडिया पर अटेंशन क्रिएट करती हैं, कुत्तों के साथ अकसर क्रूरता के कई वीडियो सामने आते रहे हैं । लेकिन केरल में एक गर्भवती हथिनी के साथ जो हुआ वो इंसानियत पर कई सवाल खड़े करता है । हथिनी को धोखे से पटाखों से भरा अनानास खिलाकर मार दिया जाना, इस खबर ने पूरे देश को हिला दिया । दर्द से तड़पती हथिनी तो मर गई लेकिन अपने पीछे कई लोगों के लिए सवाल छोड़ गई । अब एक ऐसे शख्स की खबर सामने आई है जिसने एक मिसाल कायम कर दी है ।
दो हाथियों के नाम पूरी संपत्ति
इस शख्स ने दो हाथियों के नाम अपनी पूरी संपत्ति कर दी है । मामला बिहार का है, जहां पटना से सटे जानीपुर निवासी और एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक 50 वर्षीय अख्तर इमाम ने अपने हाथियों मोती और रानी के नाम सारी प्रॉपर्टी लिख दी है । हालांकि उनके इस कदम को उठाने के बाद से ही उनका अपना परिवार उनका दुश्मन बन गया हैं । अख्तर का पूरा जीवन अपने हाथी साथियों के लिए ही समर्पित है ।
हाथी ने बचाई थी जान
अख्तर इमाम का हाथियों से प्रेम यूं ही नहीं है । उन्होने बताया कि एक बार उनपर जानलेवा हमला हुआ था । उस दौरान उनके हाथी ने ही उनकी जान बचाई थी । अख्तर ने पूरी जानकारी देते हुए कहा – ‘एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश जब मेरे कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो मेरा हाथी उसे देखकर चिघ्घाड़ने लगा इसी बीच मेरी नींद खुल गई और मैंने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले।’ अख्तर की कहानी पर विश्वास तो नहीं होता लेकिन उन्हें इस पर पूरा भरोसा है ।
परिवार पर आरोप
संपत्ति हाथियों के नाम करने के पीछे भी अख्तर की अपनी कहानी है । उन्होने बताया कि उनके बेटे ने अपनी ही प्रेमिका के दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया था । जांच में यह बात गलत पाई गई । अख्तर ने ये तक आरोप लगाया कि उनके बेटे मेराज ने पशु तस्करों के साथ मिलकर उनके हाथियों को बेचने की भी कोशिश की थी । लेकिन वह पकड़ा गया । अख्तर के मुताबिक उन्होने अपनी पूरी जायदाद दोनों हाथियों के नाम कर दी है । अब परिवार को वो कुछ नहीं देंगे । उन्होंने कहा कि वह 10 साल से अपनी बीवी और बच्चों से अलग रह रहे हैं ।
एरावत संस्था के प्रमुख हैं अख्तर
हाथियों के लिए बनी एरावत संस्था के प्रमुख अख्तर बताते हैं कि वह 12 साल की उम्र से ही हाथियों की सेवा कर रहे हैं । 10 साल पहले उनकी पत्नी दोनों बेटों और बेटी के साथ मायके चली गई थी । बड़ा बेटा मेराज उर्फ रिंकू गलत संगत में पड़ गया, जिसके बाद उन्होने उसे जायदाद से वंचित कर दिया । पत्नी को आधी जायदाद लिख दी है और बाकी लगभग 5 करोड़ रुपए की जायदाद जिसमें खेत-खलिहान, मकान, बैंक बैलेंस सब कुछ दोनों हाथियों के नाम कर दिया है । हाथियों की मौत के बाद यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी ।