Video: बहुत गुस्से में है पाकिस्तान की ये महिला डॉक्टर, कोरोना पर देशवासियों को सुनाई खरी खोटी
कोरोना काल में फ्रंटलाइनर्स की हालत पूरी दुनिया में खराब है । पाकिस्तान की एक महिला डॉक्टर का वीडियो कुछ यही कह रहा है ।
New Delhi, Jun 16: कोरोना वायरस के खतरे से पूरी दुनिया जूझ रही है । भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी बीमारी विकराल रूप ले रही है । इस बीच एक पाकिस्तानी की महिला डॉक्टर तमकेनत मंसूर का एक वीडियो वायरल हो रहा है । इस वीडियो में डॉक्टर ने पाकिस्तानियों की मोटी बुद्धी की पोल खोलकर रख दी है । महिला डॉक्टर ने बीते दिनों हुए अपने एक्सपीरियंसेज को शेयर किया और बताने की कोशिश की कि कैसे उनके देशवासी दोहरे मापदंड अपनाते हैं । डॉक्टर ने खुद के साथ घटी कई घटनाओं का हवाला देकर मरीज के परिजनों को ही उनके अपनों की मौत का जिम्मेदार माना ।
डॉक्टर ने बताया सच
महिला डॉक्टर ने बताया कि एक बच्चे को उसके परिजन गंभीर स्थिति में लेकर आए थे । जब उन्हें बताया गया कि बच्चे को इनक्यूबेटर में रखा जाएगा तब उन्होंने कहा कि शीशे के डिब्बे के अंदर मरीज को सांस लेना मुश्किल हो जाएगा । डॉक्टर के लाख समझाने पर भी मरीज के परिजन नहीं माने और आखिरकार उसे लेकर चले गए । जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई । ऐसे में मौत के जिम्मेदार डॉक्टर कैसे हो सकते हैं ।
डॉक्टर ने की क्रूर टिप्पणी
महिला डॉक्टर ने पाकिस्तानियों के बारे में कहा – किसी विषय के बारे में पता नहीं होने पर भी उन्हें विशेषज्ञ बनने का जुनून सवार होता है। अफवाहबाज पहले अपने दिमाग में कुछ राय बनाते हैं फिर विशेषज्ञ बनकर लोगों को बताते हैं । महिला डॉक्टर ने कहा कि – इस महामारी काल में डॉक्टरों के प्रति अविश्वास की खाई गहरी होती दिख रही है । कोरोना वायरस का मरीज अस्पताल में दाखिल होता है तब कहा जाता है कि डॉक्टर उसे जहर का टीका लगा देते हैं । जब संदिग्ध मरीज के परिजनों को दाखिल कराने की जरूरत बताई जाती है तो लोग डर के मारे ऐसा करने से इंकार कर देते हैं । जिससे कई बार घर पर मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो कई बार मौत का सामना भी करना पड़ता है ।
लोगों पर निकाली भड़ास
महिला डॉक्टर वीडियो में कहती हैं कि – पाकिस्तान में आखिरी हालत में मरीज को अस्पताल लाते हैं और जब मौत हो जाती है तब इसका जिम्मेदार डॉक्टर को मानते हैं । जबकि ये सिर्फ उनकी अज्ञानता और अफवाह पर विश्वास करने के कारण होता है । डॉक्टरों के कहने पर ही अगर मरीज को अस्पताल में एडमिट करा दिया जाए तो उसके बचने की संभावना बढ़ सकती है । डॉक्टर ने लोगों से अपील करते हुए कहा – “अगर लोगों को हकीकत जाननी है तो उन्हें चाहिए कि स्वास्थ्य कर्मियों की आकर मदद करें । उन्हें पता चल जाएगा कि डॉक्टरों को किन हालात का सामना करना पड़ता है । उनके लिए किसी मरीज की मौत उनकी निजी क्षति होती है।”