सुशांत की बल्लेबाज देख चौंक गये थे सचिन तेंदुलकर, कही थी ऐसी बात

सुशांत के निधन के बाद किरण मोरे ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की है, जिसमें उन्होने बॉलीवुड एक्टर को लेकर कई यादें साझा की है।

New Delhi, Jun 18 : किरण मोरे, टीम इंडिया के पूर्व कोच, सलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके हैं, धोनी की बायोपिक एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी से भी जुड़े थे, मोरे ने इस फिल्म के लिये सुशांत सिंह राजपूत को ट्रेड किया था, फिल्म के लिये क्रिकेट कंसल्टेंट रहे धोनी जैसी बल्लेबाजी और कीपिंग करने में सुशांत की मदद की थी, उन्होने कई महीने तक सुशांत सिंह राजपूत को धोनी की बल्लेबाजी और कीपिंग की बारीकियां समझायी थी।

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सचिन चौंक गये थे
सुशांत के निधन के बाद किरण मोरे ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की है, जिसमें उन्होने बॉलीवुड एक्टर को लेकर कई यादें साझा की है, उन्होने कहा कि मुझे याद है कि सुशांत की बल्लेबाजी देखकर सचिन तेंदुलकर भी चौंक गये थे, धोनी की बायोपिक बनाने वाले निर्देशख नीरज और प्रोड्यूसर अरुण ने मुझे सुशांत को बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग सिखाने के लिये कहा, कुछ हफ्तों के बाद सुशांत बीकेसी बांद्रा के ट्रेनिंग ग्राउंड में धोनी के प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर शॉट की प्रैक्टिस कर रहे थे, तभी तेंदुलकर वहां आ गये।

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प्रोफेशनल क्रिकेटर लगता है
सचिन गैलरी से देख रहे थे, और प्रैक्टिस के बाद जब मैं उनसे मिला, तो उन्होने कहा कि ये लड़का कौन है, ये बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहा है, तो मैंने उन्हें बताया कि वो एक्टर सुशांत सिंह राजपूत है, जो धोनी की बायोपिक की तैयारी कर रही है, इस पर सचिन बुरी तरह चौंके, उन्होने कहा कि ये चाहे तो प्रॉपर प्रोफेशनल क्रिकेट खेल सकता है, वो इतना अच्छा है।

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क्रिकेटर जैसा व्यवहार करना होगा
अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए किरण मोरे ने कहा कि मैं सुशांत से बांद्रा के ताज होटल में मिला था, फिल्ममेकर से सबकुछ बात हो गई थी, कि सुशांत को धोनी जैसा बनाना है, जिसके बाद पहले सेशन के लिये सुशांत अपने स्पॉटब्वॉय, सिक्योरिटी गार्ड और हेल्पर के साथ आये थे, मैंने उन्हें किनारे ले जाकर कहा कि अगले दिन से आप अकेले आएं, किट बैग उठाएं और मैदान में घुसे, मुझे याद है कि मैंने उनसे कहा था कि अगर तुम क्रिकेटर बनना चाहते हो, तो क्रिकेटर जैसे व्यवहार भी करना होगा, उसने इस बात को दिल पर ले लिया, अगले दिन से वो अपना बैग खुद लेकर आने लगा, सुशांत ने गजब का अनुशासन दिखाया था, भले ही रात में देर तक शूट करे, लेकिन सुबह सात बजे मैदान पर आ जाता था, कभी देर हो जाए, तो देर तक रुककर ट्रेनिंग करता था।