बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई पर सियासत जारी, सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तोड़ी चुप्पी

नोटिस में ये भी कहा गया है कि इस तरह मैजिकल ट्रीटमेंट का कोई दावा नहीं कर सकता, आयुष मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के आयुष विभाग को इस संबंध में जवाब तलब कर संबंधित पत्रावलियां मांगी है।

New Delhi, Jun 26 : कोरोना संक्रमण की दवाई बनाने का दावा और आयुष मंत्रालय द्वारा स्वामी रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस भेजने के मामले पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है, सीएम ने कहा कि जो भी काम हो, विधिक तरीके से होना चाहिये, सरकार इस तरह की जब कोई भी परमिशन जारी करती है, तो उसका एक पूरा प्रोसेस है, ये प्रोसेस पूरा होना ही चाहिये, त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि निम्स राजस्थान के डायरेक्टर से उनकी बात हुई है, उन्होने बताया कि दवाई के बहुत अच्छे परिणाम हैं, हमें खुश होना चाहिये, अगर हमारे राज्य में ऐसी कोई दवाई बन गयी हो तो।

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बाबा रामदेव का दावा
दरअसल मंगलवार को योगगुरु स्वामी रामदेव ने कोरोना किट लांच की थी, जिसमें दिव्य स्वासरी वटी और दिव्य कोरोनिल टेबलेट के साथ अणु तेल मौजूद था, रामदेव ने दावा किया था कि ये दवा कोरोना की है, इससे कोरोना के मरीज शत प्रतिशत ठीक हो जाएंगे, रामदेव के दावे के बाद केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया, आयुष मंत्रालय ने इसे ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940 और ड्रग एवं मैजिक रैमिडिज एक्ट 1954 का उल्लंघन मानते हुए दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस जारी किया है, दिव्य योग फार्मेसी को इसका लाइसेंस किसने जारी किया, किस आधार पर कोरोना की दवा बताते हुए इसे जारी किया गया।

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मैजिकल ट्रीटमेंट का कोई दावा नहीं कर सकता
नोटिस में ये भी कहा गया है कि इस तरह मैजिकल ट्रीटमेंट का कोई दावा नहीं कर सकता, आयुष मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के आयुष विभाग को इस संबंध में जवाब तलब कर संबंधित पत्रावलियां मांगी है, जिसके बाद हरकत में आये प्रदेश आयुष विभाग ने सफाई पेश की है, आयुष विभाग का कहना था कि उसने 12 जून को दिव्य योग फार्मेसी को एक लाइसेंस जारी किया, जो सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर सर्दी, जुकाम और खांसी की दवाइयों के लिये था, इसमें कोरोना का कहीं कोई जिक्र नहीं था, आयुष विभाग ने इससे संबंधित पत्रावलियां भी केन्द्र को तत्काल मेल द्वारा भेजा है।

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दवा के दावे का आधार क्या
बुधवार को स्टेट ड्रग कंट्रोलर वाईएस रावत ने स्वामी रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस भेजा है, नोटिस में कहा गया है, कि दिव्य योग फार्मेसी कोरोना की जो दवा बनाने का दावा कर रही है, उसका आधार क्या है, फार्मेसी ने कोरोना किट बनाने की परमिशन कहां से ली है, दूसरा प्रचार-प्रसार के लिये फार्मेसी ने परमिशन क्यों नहीं ली, कहा गया है कि फार्मेसी ने ड्रग एवं कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा -170 का उल्लंघन कर भ्रामक प्रचार किया है, नोटिस में ये भी कहा गया है कि कोई भी इस तरह के मैजिकल ट्रीटमेंट का दावा नहीं कर सकता, फिर रामदेव किस आधार पर शत प्रतिशत ठीक होने का दावा कर रहे हैं। हफ्ते भर में इस पूरे मामले में जवाब मांगा गया है।