कोरोना की दवा पर पलटी मार गये आचार्य बालकृष्ण, कही ऐसी बात

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद जो रिजल्ट सामने आया, उसे ही हमने पूरे देश को बताया है, हमने ये बात कही ही नहीं कि ये कोरोना संक्रमण का इलाज करती है।

New Delhi, Jun 30 : कोरोना संक्रमण के इलाज के लिये कोरोनिल दवा बनाने वाली पतंजलि योग पीठ ने विवादों के बाद यू-टर्न ले लिया है, पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उन्होने कोरोना संक्रमण के इलाज की दवा नहीं बनाई है, बल्कि कोरोनिल इम्युनिटी बढाने की दवा है, इसके इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित ठीक हो सकता है।

Advertisement

देश को बताया
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद जो रिजल्ट सामने आया, उसे ही हमने पूरे देश को बताया है, ramdev हमने ये बात कही ही नहीं कि ये कोरोना संक्रमण का इलाज करती है, बल्कि हमने ये कहा था कि इस दवा से क्लिनिकल ट्रायल के दौरान कोरोना के मरीज ठीक हो गये, इसमें कहीं कोई कंफ्यूजन की बात नहीं है।

Advertisement

मरीज ठीक हो जाएंगे
बाबा रामदेव के खासमखास बालकृष्ण ने आगे बोलते हुए कहा कि कोई कह रहा है कि क्लिनिकल ट्रायल फर्जी है, तो कह रहा है कि दवा फर्जी है, कोई कहता है कि दावा फर्जी है, हमने कभी नहीं कहा कि हमने कोरोना की दवाई बनाई है, हम ये कह रहे हैं कि हमारी बनाई हुई दवाई से क्लिनिकल ट्रायल में कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो गये।

Advertisement

पहले पतंजलि ने क्या दावा किया था
आपको बता दें कि बीते 23 जून को बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये मीडिया को संबोधित किया था, रामदेव ने कहा था संपूर्ण साइंटिफिक डॉक्यूमेंट्स के साथ श्वासारि वटी, कोरोनिल, कोरोना की एविडेंस बेस्ड पहली आयुर्वेदिक औषधि है, ये अनुसंधान संयुक्त रुप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर द्वारा किया गया है, दवा निर्माण दिव्य फार्मेसी हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार द्वारा मिलकर बनाया गया है।

7 दिन में मरीज ठीक
रामदेव ने कहा था कि आज हम ये कहते हुए गौरव अनुभव कर रहे हैं कि कोरोना की पहली आयुर्वेदिक क्लीनिकली कंट्रोल्ड, ट्रायल, एविडेंस और रिसर्च आधारित दवा पतंजलि रिसर्च सेंटर और एनआईएमएस के संयुक्त प्रयास से तैयार हो गई है, इस दवा पर हमने दो ट्रायल किये हैं, 100 लोगों पर क्लीनिकल स्टडी की गई है, जिसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया, 3 दिन में 69 फीसदी मरीज ठीक हो गये, 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हो गये।