एनकाउंटर के बाद विकास दूबे के खिलाफ परिजनों ने तोड़ी चुप्पी, हमारी गृहस्थी बर्बाद कर दी

पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये प्रेम प्रकाश पांडे के परिवार को जब ये पता चला कि पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया है, तो पत्नी सुषमा और बहू वर्षा का धैर्य जवाब दे गया।

New Delhi, Jul 06 : चौबेपुर के विकरु गांव में मुठभेड़ में शहीद 8 पुलिस वालों के केस में मुख्य आरोपी विकास दूबे के खिलाफ उनके परिवार के लोगों ने ही जुबान खोलनी शुरु कर दी है, घटना के अगले दिन एनकाउंटर में मारे गये विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय की पत्नी और बहू ने पुलिस तथा मीडिया के सामने कई राज उजागर किये, दोनों ने कहा कि विकास दूबे ने हमारी गृहस्थी तबाह कर दी, मेरे पति बेगुनाह थे, उनका कसूर इतना था कि वो विकास के डर से उनके साथ जाते थे, साथ और बहू ने पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया है। पत्नी ने कहा कि पुलिस ने पति के अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया और अंतिम संस्कार कर दिया।

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मुठभेड़ में विकास के मामा ढेर
पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये प्रेम प्रकाश पांडे के परिवार को जब ये पता चला कि पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया है, तो पत्नी सुषमा और बहू वर्षा का धैर्य जवाब दे गया, उन्होने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना पूछे ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया, आखिरी बार उनका मुंह तक देखने नहीं दिया, पुलिस पर हुए हमले में उनके पति का कोई हाथ नहीं था।

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पति की मजबूरी
सुषमा पांडे ने कहा कि पति की मजबूरी थी, कि वो विकास का साथ देते थे, विकास के लोगों ने पुलिस वालों के साथ जो किया, उसका उन्हें बेहद अफसोस है, Vikas Dubey6 विकास असली आरोपी है, पुलिस उसे मार दे, लेकिन बेगुनाहों को सजा ना दे, बहू वर्षा ने कहा कि उनके परिवार के लिये विकास किसी अभिशाप से कम नहीं है, साल 2001 में बीजेपी नेता संतोष शुक्ला हत्या कांड के बाद भी पुलिस उनके ससुर को हथकड़ी लगाकर ले गई थी, जिसके सदमे से उनकी ननद की मौत हो गई, विकास की वजह से ही ससुर को जान से हाथ धोना पड़ा, पूरी घटना में अकेले विकास कसूरवार है, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए।

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शव लेने नहीं पहुंचे परिजन
पुलिस मुठभेड़ में मारे गये विकास दूबे के मामा और चेचेरे भाई के शव लेने के लिये घर से कोई नहीं आया था, मामले में पुलिस का पक्ष है कि पोस्टमॉर्टम के बाद घर पर सूचना भिजवाई थी, लेकिन रिश्तेदारों ने उनकी सुपुर्दगी तो ली, लेकिन अंतिम संस्कार कराने में असमर्थता जताई, जिसके बाद पुलिस ने भैरोघाट पर क्रियाकर्म करवाया।