धोनी ने साक्षी से चुपचाप की थी शादी, 5 बड़े फैसले जिसने फैंस को भी कर दिया हैरान
धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है, जिनका नाम जीवा है, हालांकि माही ने आजतक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उन्होने साक्षी को प्रपोज कैसे किया था।
New Delhi, Jul 07 : टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेन्द्र सिंह धोनी आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं, धोनी अपने स्मार्ट और चौंकाने वाले फैसलों के लिये जाने जाते हैं, फिर चाहे क्रिकेट हो या निजी जिंदगी, उन्होने कई मौकों पर अपने फैंस को हैरान किया। माही ने 4 जुलाई 2010 को साक्षी सिंह रावत से चुपचाप शादी कर फैंस को सरप्राइज दिया था, दरअसल धोनी की मुलाकात साक्षी से एक पांच सितारा होटल में हुई थी, जहां वो इंटर्न थी, दोनों की शादी को 10 साल बीत चुके हैं।
पर्सनल लाइफ पर बात नहीं
धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है, जिनका नाम जीवा है, हालांकि माही ने आजतक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उन्होने साक्षी को प्रपोज कैसे किया था, माही अपनी निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते हैं, दोनों ने शादी भी गुपचुप तरीके से की थी, उनकी शादी में सिर्फ करीबी लोग ही शामिल हुए थे।
सहवाग-उथप्पा को बॉल आउट में उतारा
2007 टी-20 विश्वकप में ग्रुप स्टेज मुकाबले में भारत-पाक के बीच पहला मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, मैच टाई हो गया, अब फैसला बॉल आउट से होना था, बॉल आउट में हर टीम के तीन खिलाड़ियों को बॉलिंग कर विकेट हिट करना होता है, हालांकि फुटबॉल की तरह इस दौरान गेंदबाज और विकेट के बीच कोई बल्लेबाज नहीं रहता है, ज्यादा बार विकेट हिट करने वाले को विजेता घोषित किया जाता है। जहां पाक ने अपने तीन सबसे बेहतरीन गेंदबाजों को विकेट हिट करने की जिम्मेदारी सौंपी, तो वहीं धोनी ने लीक के हटकर नियमित गेंदबाजों के बजाय सहवाग, उथप्पा और हरभजन से बॉलिंग करवाई, धोनी की ये चाल कामयाब हो गई, ये तीनों ही गेंदबाज विकेट उखाड़ने में सफल रहे, जबकि पाक का कोई भी गेंदबाज विकेट को छू भी नहीं सका, माही का मानना था कि ऐसे हालात में तेज गेंदबाजी के अपेक्षा धीमी गति के गेंदबाज ज्यादा कारगर होते हैं।
जोंगिदर शर्मा पर दांव
2007 टी-20 विश्वकप के फाइनल में भारत-पाक की टीमें आमने-सामने थी, पाक को आखिरी ओवर में जीत के लिये 13 रन चाहिये थे, मिस्बाह उल हक स्ट्राइक पर थे, ऐसे में धोनी ने सभी को चौंकाते हुए उस हाईवोल्टेज मुकाबले में गेंद जोंगिदर शर्मा को पकड़ा दी, जोंगिदर ने भी धोनी के फैसले को गलत साबित नहीं होने दिया और टीम इंडिया टी-20 विश्वकप विजेता बनी।
2011 विश्वकप फाइनल में युवराज से पहले बल्लेबाजी
2011 विश्वकप फाइनल में टीम इंडिया एक समय मुश्किल में दिख रही था, सबको लगा कि शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज क्रीज पर आएंगे, लेकिन धोनी ने सबको चौंकाते हुए खुद बल्लेबाजी के लिये आ गये, उनके इस फैसले ने इतिहास रच दिया, 1983 के बाद दूसरी बार आईसीसी विश्वकप टीम इंडिया ने जीता, माही ने खुद छक्का लगाकर टीम की विजयगाथा लिखी।
क्यों लिया फैसला
एक इंटरव्यू में धोनी ने कहा था कि मुरलीधरन आईपीएल में मेरी टीम सीएसके के लिये खेलते थे, इसलिये मैंने उन्हें नेट्स पर खूब खेला था, मैं उनकी गेंदबाजी को अच्छे से जानता था, उस समय अगर युवी का विकेट गिर जाता, तो फाइनल की राह मुश्किल हो जाती, इसलिये मैंने युवी की जगह खुद ही बल्लेबाजी के लिये जाने का फैसला लिया। इसके साथ ही धोनी का एक और बड़ा फैसला था, रोहित शर्मा को सलामी बल्लेबाज बनाना, हिटमैन मध्यक्रम बल्लेबाज थे, लेकिन वो उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे, जिसकी वजह से बार-बार टीम से अंदर-बाहर हो रहे थे, धोनी के फैसले के बाद रोहित टीम के सबसे बड़े मैचविनर साबित हुए, उन्होने एकदिवसीय क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाये हैं, साथ ही सबसे बड़ा व्यक्तिगत रन का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है।