चश्मदीद महिला ने बताया उस रात का खूनी मंजर, विकास दूबे ने डीएसपी को सटाकर गोली मारी थी

दबिश से पहले ही विकास को सूचना दे दी गई थी, इसलिये उसने सड़क पर जेसीबी लगवा दी थी, जिस वजह से पुलिस वालों को अपनी गाड़ी विकास के घर से थोड़ी दूर ही लगानी पड़ी।

New Delhi, Jul 08 : कानपुर देहात शूटआउट में यूपी पुलिस के डीएसपी समेत 8 लोग शहीद हो गये, कुख्यात बदमाश विकास दूबे और उसके गैंग ने पुलिस वालों को बेरहमी से मार डाला, और वहां से फरार हो गये, घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी विकास अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है, प्रदेश के सबसे बड़े गैंगस्टर का अभी तक कोई अता-पता नहीं है, पुलिस उसे ढूंढने के लिये नेपाल से लेकर चंबल तक नजरें टिकाये बैठी है, इस बीच विकास के घर के बगल में बनें कुंए से उसके गुनाहों के सबूत तलाशें जा रहे हैं।

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खूनी तांडव
कानपुर के विकरु गांव में एक चश्मदीद महिला ने आजतक चैनल से बात करते हुए बताया कि गुरुवार रात विकास के गुर्गों ने किस तरह खूनी तांडव मचाया था, vinay tiwari vikas dubey 1 मनु के अनुसार कुछ लोग मुंह पर कपड़ा बांधे हुए थे, उन्होने ही पुलिस वालों को गोली मारी थी, महिला ने कहा कि जैसे ही गोलियां चली, उनके बच्चे चीखने लगे, पूरा माहौल दहशत से भर गया था।

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डीएसपी के सिर में सटाकर मारी थी गोली
आपको बता दें कि दबिश से पहले ही विकास को सूचना दे दी गई थी, इसलिये उसने सड़क पर जेसीबी लगवा दी थी, up encounter जिस वजह से पुलिस वालों को अपनी गाड़ी विकास के घर से थोड़ी दूर ही लगानी पड़ी, पैदल चल कर पुलिस वाले आ रहे थे, विकास गिरोह घात लगाकर बैठा था, जैसे ही पुलिस वाले कुछ समझ पाते तब तक उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु हो गई, जिसके बाद बचने के लिये पुलिस वालों ने आस-पास के मकानों में घुसने की कोशिश की, कई पुलिस वालों को बंदूक सटाकर गोली मारी गई, टीम की अगुवाई कर रहे सीओ को बदमाशों ने घेर कर धारदार हथियार से पैर पर वार किया, फिर गोली मार दी।

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22 लोगों की टीम थी
गांव के कई घरों में सिर्फ खून ही फैला था, दीवारों पर बने गोलियों के निशाना और मौका-ए-वारदात के हालात बताते हैं कि Vikas home बदमाशों ने पुलिस वालों की जान लेने के लिये ही फायरिंग की थी, अब तक की जानकारी के अनुसार सीओ देवेन्द्र मिश्रा 22 लोगों की टीम के साथ विकास के घर पर दबिश के लिये पहुंचे थी, रात करीब 12 बजे रहे थे, ये खूनी तांडव करीब 1 घंटे चला, 1.20 बजे पुलिस की दूसरी टीम गांव पहुंची, तो 8 पुलिस वालों की जान मौके पर ही जा चुकी थी।