पीएम मोदी और सरकार को नहीं कांग्रेस और राहुल को जवाब देना चाहिए अपनी गलत बयानी का

पीएम मोदी ने भारत-चीन तनाव पर पिछले महीने बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारत के क्षेत्र में न कोई घुसा है और न ही किसी ने भारतीय चौकी पर कब्जा किया है।

New Delhi, Jul 08 : कांग्रेस की या तो मति मारी गयी है या वो मोदी विरोध में सारी हद पार कर गयी है। उसने चीनी सैनिकों के गलवान घाटी में पीछे हटने की खबरों के बीच एक मूर्खतापूर्ण सवाल किया कि अगर चीनी सैनिक पीछे हट रहे तो क्या इसका ये मतलब नहीं कि वे भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे? लगता है कि इस पार्टी ने आगे की लाइन नहीं पढी कि भारत भी पीछे हट रहा है। कांग्रेस के ही मुताबिक तो इसका मतलब यह कि भारतीय फौज भी चीनी इलाके मे घुसी थी ?

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कांग्रेस ने पूछा कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी इस संबंध में अपने पूर्व के बयान के लिए माफी मांगेगे? जवाब यह कि क्यों मांफी मांगेंगे? पीएम ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एलएसी ) के भीतर घुसपैठ नहीं हुई थी। यह साबित भी हो गया कि दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा के नो मेन्स लैड मे आमने सामने थी, वहां से पीछे लौटेगी।
कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी लगातार ट्वीट और वीडियो के जरिये प्रधानमंत्री पर तंज कसते रहे।कभी उनको डरपोक कहा और कभी उनको चीन के आगे समर्पण करने वाला करार दिया। राहुल के इस बयान को क्या कहीँ से भी राष्ट्रहित करार दिया जा सकता है। सच तो यह कि राहुल और उनके चंद चमचे प्रवक्ताओं को छोड कर शायद ही कोई गलवान मुद्दे पर इस तरह की भद्दी टिप्पणी करता रहा हो।

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टीवी की बहस में आप देख लीजिए कि काग्रेसी प्रवक्ता सवाल तो पूछते हैं मगर जवाब नहीं सुनना चाहते बीच मे टोका-टोकी करते हुए उनकी ये कोशिश होती हैं कि दर्शक तक उनकी आवाज न पहुंचे। उनके पास तर्कसंगत जवाब भी नहीं होता। सच तो यह है कि जनता के बीच सरकार की नहीं कांग्रेस की मिट्टी पलीद हो रही है। सोमवार को गलवान मे चीन के पीछ हटने की खबर पर देश के नंबर एक चैनल आजतक ने अपने व्यूवर्स से सवाल पूछा था कि क्या यह भारत और पीएम मोदी की आक्रामकता की जीत है? 89 प्रतिशत का जवाब हाँ मे था।

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कांग्रेस पार्टी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच चीनी सैनिकों के पीछे हटने की आई खबरों को लेकर एक बार फिर केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में दिए उस बयान को क्या अब वापस लेंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सीमा में कोई नहीं घुसा है ? जवाब यह कि कोई नहीं घुसा भारतीय सीमा में ।
कांग्रेस की ओर से पवन खेड़ा ने दावा किया कि अगर चीन के सैनिक अब पीछे हट रहे हैं तो ये साबित हुआ है चीनी सैनिक भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके थे। पवन खेड़ा ने साथ ही कहा, ‘पीएम के बयान को चीन ने अपने लिए एक क्लीनचिट की तरह इस्तेमाल किया। इससे पूरे विश्व में हमारी जो कूटनीतिक मेहनत थी, उसको चोट पहुंची है, आघात पहुंचा है।’ खेडा जी, आप नहीं जानते कि पूरी दुनिया इसे भारत की कूटनीतिक विजय बता रही है ?

पवन खेड़ा यही नहीं रूके और कहा कि प्रधानमंत्री को ये अब बताना चाहिए कि चीन भारत की सीमा में कितने किलोमीटर तक और कहां पीछे हटा है। पवन खेड़ा ने कहा, ‘हम पूछना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में जो वक्तव्य दिया था, क्या उस वक्तव्य को वापस लेंगे? क्या वह देश से माफी मांगेगे कि हां मुझसे गलती हुई, मैंने ये गलतबयानी की?’
खेड़ा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के स्तर पर बैठा हुआ व्यक्ति जब गलत बयान करता है तो विषय बहुत गंभीर हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी को स्वयं आकर बताना चाहिए कि चीन की सेना कितने किलोमीटर तक पीछे गई, कहां तक आई थी अब भी कितने इलाके पर काबिज है?’

गौरतलब है कि सोमवार को ये खबर सामने आई कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना पीछे हटने पर सहमत हुई है। इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी कल दी थी।
वहीं, कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने इस घटनाक्रम पर कहा कि चीनी सैनिकों का गलवान घाटी में पीछे हटना अच्छा है लेकिन सरकार को चीन को पेगोंग सो इलाके से पीछे हटाने पर भी जोर देना चाहिए तथा सीमा पर कड़ी चौकसी बरतनी चाहिए।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने भारत-चीन तनाव पर पिछले महीने बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारत के क्षेत्र में न कोई घुसा है और न ही किसी ने भारतीय चौकी पर कब्जा किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि कुछ हलकों में प्रधानमंत्री के बयान की ‘शरारतपूर्ण’ व्याख्या का प्रयास हो रहा है।

(वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)