हिस्‍ट्रीशटर के एनकाउंटर पर सियासत तेज, उत्‍तर प्रदेश से लेकर मध्‍यप्रदेश तक विपक्ष के तीखे सवाल

यूपी में विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से सियासी हड़कंप मच गया है । सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस को ऐसी भी क्‍या जल्‍दबाजी थी ।

New Delhi, Jul 10: उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्‍या का आरोपी विकास दुबे आज सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है । विकास दुबे कोई छोटा-मोटा गुंडा नहीं, बल्कि रसूखदार गैंगस्‍टर था, जिसका राजनेताओं से लेकर पुलिस विभाग में रुतबा था, संपर्क थे । वो पिछले 3 दशकों से अपराध जगत में नित नए कांड कर रहा था । बावजूद इसके पकड़ा नहीं गया, और पकड़ा गया तो जेल से भी कारनामे जारी रहे । इतना ही जेल से ही चुनाव तक जीत गया । विकास दुबे की मौत के साथ ही उसके सारे रहस्‍य भी दफन हो गए हैं, मामले में अब राजनीति के गलियारों से सवाल उठ रहे हैं ।

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सपा, कांग्रेस से उठे सवाल
सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा ट्वीट किया है । अखिलेश ने व्‍यंग्‍य करते हुए लिखा है – दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है । वहीं प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा है – अपराधी का अंत हो गया । अपराध और उसको संरक्षण देने वालों का क्‍या । इससे पहले प्रियंका गांधी ने विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर भी ट्वीट किए थे ।

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दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल  
मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कल इस पूरे मामले की न्‍यायिक जांच की मांग की थी । दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ये अरेस्‍ट है या सरेंडर इसकी जांच होनी चाहिए । वहीं अब विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद दिग्वियजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है – जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?

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मायावती ने की जांच की मांग
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया है – कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। दूसरे ट्वीट में लिखा है – यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।