कॉलेज में हो गए थे डिप्रेशन के शिकार, IPS अमित लोढ़ा ऐसे बने बिहार के ‘सुपर कॉप’

बिहार के सुपर कॉप IPS अमित लोढ़ा की लाइफ सटोरी इंस्‍पायरिंग है । कॉलेज के दिनों में डिप्रेशन ने उन्‍हें घेर लिया था, लेकिन फिर एक घटना ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी । आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 14: IPS अमित लोढ़ा, बिहार के टॉप आईपीएस अफसर में से एक माने जाते हैं । वर्तमान में उन्‍हें पुलिस महानिरीक्षक (IG) के पद पर रहते हुए सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया गया है । लेकिन शायद आप ये बात जानकर हैरान रह जाएं कि आज आत्म विश्वास की मिसाल बन चुके अमित लोढ़ा ने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में काफी समय डिप्रेशन में गुज़ारा है ।

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नाना थे अधिकारी
IPS अमित लोढ़ा के नाना जी एक IAS अधिकारी थे । इसी वजह से वो बचपन से ही वर्दी से आकर्षित थे । हालांकि अमित अपने  बारे में बताते हैं कि एक बच्चे के रूप में वह कमजोर और शर्मीले थे । लेकिन पुलिस सेवा ने उन्हें आत्म-विश्वास दिलाने में काफी मदद की । राजस्थान के रहने वाले अमित ने जयपुर के सेंट ज़ेवियर स्कूल से स्कूली पढ़ाई की । इसके बाद पहले ही प्रयास में IIT दिल्ली की प्रवेश परीक्षा पास कर ली । लेकिन कॉलेज के दिन उनकी जिंदगी के बुरे दिन साबित हुए । हालांकि अमित के इस अनुभव का उनके कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं था । वो खुद को दीन-हीन महसूस करते रहे । उनके दोस्‍त भी उनसे दूर हो गए थे ।

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एक घटना से बदला जीवन
उन्‍होने अपनी लाइफ स्‍टोरी को बिहार डायरीज नाम की पुस्‍तक में समेटा है । अमित लोढ़ा ने बताया कि कैसे एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया, जब जब एक अमित स्क्वैश खेल रहे थे, तो आईआईटी टीम के खिलाड़ियों में से एक ने उनका मजाक उड़ाया और उन्हें कोर्ट से बाहर कर दिया। कहा – “यह खेल तुम्हारे जैसे के लिए नहीं है।” यह सुनने के बाद अमित को बहुत बुरा लगा, लेकिन उनके अंदर उस दिन एक नई ऊर्जा जगी । अगले दिन से ही उन्‍होने हर रात 1 बजे प्रैक्टिस करनी शुरू की, और 3 महीने बाद एक प्रतियोगिता में उसी शख्‍स को हराकर माने ।

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यूपीएससी की तैयारी
इसके बाद अमित ने यूपीएससी की तैयारी में ये फॉमूर्ला आजमाया । उन्‍होने कहा – “मुझे ये सफलता इस आत्म विश्वास से मिली की अगर मैं किसी भी काम को 100 प्रतिशत से अधिक देता हूं तो मैं सफल बन सकता हूं। मैंने  यूपीएससी की तैयारी के दौरान उसी विश्वास को लागू किया। मैंने सुबह 4 बजे सोने और 1 बजे उठने की आदत को बदला, जैसा कि मैंने अपने कॉलेज की परीक्षा के दौरान किया था। मैंने एक सख्त कार्यक्रम बनाया और व्यवस्थित रूप से इसका पालन किया। IIT में गणित में E ग्रेड प्राप्त करने के बाद, मैं इस विषय से डरने लगा था लेकिन मैं यूपीएससी के दौरान इसमें अव्वल था!”

बिहार पुलिस सेवा की शान
अमित लोढ़ा अपनी सर्विसेज बिहार में दे रहे हैं । उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान में गृहनगर से दूर बिहार के कई कठिन क्षेत्रों में हुई। आम जनता के लिए वो हमेशा उपस्थित रहे, उन्‍होने उस दौर में लोगों को खुद के संपर्क में लैंडलाइन से साधा जब मोबाइल नहीं थे । लोग उनसे सीधे किसी भी कानून-व्यवस्था या कानूनी मुद्दों के बारे में बात कर सकते थे । अमित, बेगूसराय जिले में अपनी पोस्टिंग के दौरान नक्सलियों के भी निशाने पर रहे । एक ऑपरेशन के दौरान वो गंभी परिसिथतियों में डटकर लड़े । इस मिशन में उन्‍होने नौ नक्सलियों पर हमला किया, जिनमें तीन महिलाएं शामिल थीं। टीम दो जवानों को बचाने में भी कामयाब रही । नक्‍सलियों से नकदी और हथियारों का भारी जखीरा बरामद किया था। लोढ़ा को इसके लिए पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया।

उम्‍मीदवारों को सलाह
IPS अमित लोढ़ा UPSC सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को एक ही संदेश देते हैं – “यदि आप एक इच्छुक सिविल सेवक हैं, तो लाल बत्ती या इससे जुड़े लाभों के बारे में विचार के साथ सेवा में प्रवेश न करें। सेवा करने का इरादा होना चाहिए। भारत सरकार आपको देश में बदलाव लाने का मौका दे रही है। इसके बावजूद, यदि आप अपने बंगले, कार और लाभों के बारे में सोचते हैं, तो आप गलती कर रहे हैं। जब आप सेवा में शामिल होते हैं, तो आप जहाँ भी तैनात होते हैं, चाहे सबसे अविकसित गाँव में या बड़े जिले में, जाएँ और सेवा करें। ग्लैमर का शिकार न हों बेशक, आपके जीवन के लिए नुकसान, चुनौतियां और खतरे हैं। लेकिन आपने इसे चुना है तो विश्वास के साथ देश की सेवा करने के लिए सिविल सेवा को चुने।”