देश जानना चाहता है कि यदि सरकार का यह कायरतापूर्ण कदम है तो बहादुरी किसे कहते हैं राहुल जी

कांग्रेस नेता ने दावा किया, सरकार के ‘कायरतापूर्ण कदमों’ की भारत भारी कीमत चुकाने जा रहा है।

New Delhi, Jul 19 : हंसी आयी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस मूर्खतापूर्ण दावे पर कि सरकार के ‘कायरतापूर्ण कदमों’ की भारत भारी कीमत चुकाने जा रहा है। उन्होंने लद्दाख में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, चीन ने हमारी जमीन ले ली और भारत सरकार चेंबरलिन (पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री) की तरह व्यवहार कर रही है। इससे चीन का हौसला और बढ़ेगा। हवाई नेता राहुल गांधी इन दिनो प्रेस मे बयान नहीं देते, ट्वीट भी ज्यादा नहीं करते, रिकार्ड किया हुआ अपना वीडियो जारी करते हैं। सवाल पूछते हैं सरकार से। उस पर तर्कहीन आरोप लगाते हैं। लेकिन खुद किसी भी सवाल का उत्तर नहीं देते ।

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कांग्रेस नेता ने दावा किया, सरकार के ‘कायरतापूर्ण कदमों’ की भारत भारी कीमत चुकाने जा रहा है। गौरतलब है कि लद्दाख की यात्रा पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि चीन के साथ चल रही बातचीत से सीमा गतिरोध का हल निकल जाएगा लेकिन वह इसकी गारंटी नहीं दे सकते कि इसमें किस हद तक कामयाबी मिलेगी। इसके साथ ही सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत की एक इंच भी जमीन नहीं ले सकती।
चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख पहुंचे हुए थे। उनके साथ पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी थे। लद्दाख में भारतीय जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है, लेकिन इसका कहां तक हल निकल सकता है इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता।

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लेकिन मैं आपको इतना जरूर आश्वस्त कर सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारी एक इंच भी जमीन हमसे नहीं ले सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत से विवाद को सुलझा लिया जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
राहुल बाबा यह बताएँ कि एक इन्च भी जमीन कोई नहीं ले सकता, रक्षामंत्री का ये बयान और फिर उनका यह कहना कि कि इसका कहाँ तक हल निकल सकता है, इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकता, दुश्मन को सीधा चेतावनी संदेश है या कायरता है ? 2004 से 2014 तक के यूपीए के दस वर्ष के शासनकाल में जिसमे सरकार का रिमोट आप और आपकी माता सोनिया गांधी जी के पास होता था, कोई ऐसा बयान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अथवा रक्षा मंत्री ए के एन्टनी की तरफ से आया था क्या ? सच तो यह कि कांग्रेस सरकारें तो हमेशा चीन के आगे घुटनों पर रहा करती रही हैं, नेहरू से लगायत मनमोहन सिंह तक। इन सरकारों ने तो चीन से लगती सीमाओं पर कोई बुनियादी ढांचा तक खडा नहीं किया था मारे डर के कि कहीं चीन उस पर कब्जा न कर ले। यही वजह थी कि कठपुतली प्रधानमंत्री के दौर मे चीन भारत की पांच हजार वर्ग किलोमीटर जमीन और हड़पने मे कामयाब हो गया। 38 हजार 180 वर्ग किलोमीटर जमीन वो 1962 मे ही वो छीन चुका था।

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बेशर्मी की भी कोई हद होती है। 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कांग्रेस पार्टी का एमओयू साइन करने वाले आप माँ बेटे ने देश को कभी नहीं बताया कि करार मे था क्या ? परिवार के बने राजीव फाउण्डेशन में चीन से पैसे लेने वाले जिन मा बेटे ने हमेशा चीन का राग गाया, वे मोदी सरकार को कटघरे मे खडा कर रहे हैं ? जबकि देश इस समय सरकार के पीछे खडा है। देशवासी देख रहे हैं कि किस तरह इतिहास में पहली बार भारत ने चीन की आख में आख डाल कर बात करते हुए न सिर्फ मुहतोड़ उत्तर दिया है बल्कि एक झटके मे चीन के 59 एप्स प्रतिबंधित कर उसको आर्थिक तौर पर भी क्षति पहुंचाई है। एलएसी पर चीन को करारा जवाब भी दिया है।
लेकिन देश को अपनी जागीर समझ बैठै गांधी-वाड्रा परिवार को न वास्तविकता नजर आती है और न ही वो इस बारे कुछ जानना चाहता है। खुद में एक बार झांक कर तो देखो राहुल। सच को स्वीकार करो अन्यथा 2024 मे कांग्रेस की दुर्दशा तय है। याद रखना तब कंधा देने लायक सीट भी नहीं मिलेगी।

(वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)