बेहद सादा जीवन गुजार रहे हैं बाबा रामदेव के पिता, जानें कैसा है योग गुरु का परिवार

क्‍या आपके मन में कभी ये सवाल आया कि बाबा रामदेव के परिवार में कौन होगा, और वो कैसे अपना जीवन बिता रहे होंगे । चलिए आगे बताते हैं ।

New Delhi, Jul 23: योग गुरु बाबा रामदेव ने आज पूरी दुनिया में योग को नई परिभाषा दी है । पूरा विश्‍व उन्‍हें जानता है । उनके पतंजलि योगपीठ की ख्‍याति पूरी दुनिया में है । उन्‍होने आयुर्वेद के जरिए कारोबारी जगत में अपनी एक अलग पहचान बना ली है, दुनिया भर में पतंजलि और उसके उत्‍पादों की धूम है । बावजूद इसके उनका खुद का परिवार आज भी बेहद साधारण जीवन व्‍यतीत कर रहा है । आगे बताते हैं आपको योग गुरु के परिवार के बारे में ।

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खेती करते हैं बड़े भाई
बाबा रामदेव तीन भाईयों और एक बहन में दूसरे नंबर पर हैं । मीडिया जानकारी के अनुसार उनके बड़े भाई देवदत्त का परिवार अब भी सैयद अलीपुर गांव में ही रहता है । इसी गांव में बाबा रामदेव का जन्म हुआ था । बताया जाता है कि देवदत्त पहले सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे थे, अब गांव में ही रहकर खेती करते हैं।

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मात-पिता भी हैं किसान
बताया जाता है कि बाबा रामदेव के परिजन आज भी खेती-किसानी करते हैं। उनकी मां गुलाबो देवी और पिता रामकिशन यादव आज भी बहुत ही सादा जीवन जीते हैं, खेती-किसानी ही उनकी आय का एकमात्र साधान है । हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रामकृष्ण यादव जो आज बाबा रामदेव के नाम से जाने जाते हैं, उन्होने महज 9 साल की उम्र में ही घर को छोड़ दिया था । सब कुछ छोड़कर वो खानपुर के गुरुकुल में शामिल हो गए थे ।

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गुरु आचार्य बलदेव के शिष्‍य
बाबा रामदेव ने अपने प्रथम गुरु आचार्य बलदेव जी से संस्कृत, व्याकरण और योग की शिक्षा ली थी । 3 भाईयों और एक बहन में दूसरे नंबर पर आने वाले बाबा रामदेव की दिलचस्‍पी सांसारिक कार्यों में पहले से ही नहीं थी । वरना इतनी  सी उम्र में संन्‍यास कौन धारण करता है । बाबा रामदेव के छोटे भाई का नाम राम भरत हैं, वो पतंजलि आयुर्वेद का हिस्सा हैं । राम भरत, हरिद्वार में रहते हैं और कंपनी के कामों को देखते हैं । राम भरत, सीधे बाबा रामदेव और सीईओ आचार्य बालकृष्ण को ही रिपोर्ट करते हैं । बताया जाता है कि पतंजलि में हायरिंग, प्रोडक्शन और क्वॉलिटी मैनेजमेंट जैसे काम वो ही संभालते हैं ।

1990 में बालकृष्‍ण से हुई मुलाकात
बबा रामदेव बहुत ही अल्‍पआयु के थे जब उनके जन्‍म स्‍थान सैयद अलीपुर गांव में एक साधु का आना हुआ, उनकी संगत में रहते हुए उनका मन योग और वैदिक शिक्षा में लगने लगा । वो खुद बता चुके हैं कि सिर्फ 4 साल की उम्र में वो संन्‍यास के बारे में बात करने लगे थे । वर्तमान में रामदेव, बालकृष्‍ण के करीबी हैं । बताया जाता है कि आचार्य बालकृष्ण से उनकी पहली मुलाकात 1990 में गुरुकुल में ही हुई थी । दोनों में दोस्ती हुई और आज दोनों ही मिलकर पतंजलि जैसे ब्रांड को आगे बढ़ा रहे हैं ।