राजस्थान- बागी विधायकों ने वापसी के लिये रखी शर्त, गहलोत की कुर्सी खतरे में

अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को किसी तरह की कोई संदेश नहीं मिला है, पार्टी में वापसी के लिये कोई शर्त नहीं रखी जाती और बागी विधायकों को पहले आलाकमान से माफी मांगनी होगी।

New Delhi, Aug 04 : राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रहा है, इस विवाद को 26 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है, अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को संदेश भेजा है कि अगर प्रदेश में किसी तीसरे चेहरे को मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी जाती है, वो वो पार्टी में लौट आएंगे।

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तीसरा चेहरा
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बागी विधायकों ने कहा है कि प्रदेश में अब ना सचिन पायलट और ना ही अशोक गहलोत को सीएम के रुप में देखना चाहते हैं, Rajasthan mla1 अगर पार्टी हाईकमान किसी तीसरे चेहरे को आगे कर दे, तो वो सम्मान के साथ पार्टी में लौट जाएंगे। हालांकि राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने इस तरह की सूचना का खंडन किया है।

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माफी मांगनी होगी
अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को किसी तरह की कोई संदेश नहीं मिला है, पार्टी में वापसी के लिये कोई शर्त नहीं रखी जाती और बागी विधायकों को पहले आलाकमान से माफी मांगनी होगी, Rajasthan mla3 इसके साथ ही आज हाईकोर्ट में होटलों में बंद विधायकों के बीच तीन याचिकाओं पर सुनवाई होगी।

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वेतन-भत्ते रोकने की मांग
इन तीन याचिकाओं में पहली याचिका गहलोत और पायलट गुट के विधायकों के वेतन तथा भत्ते रोकने की मांग से जुड़ी है, congress rajasthan gehlot याचिका दायर करने वाले विवेद सिंह जादौन का कहना है कि कोराना की वजह से राज्य की वित्तिय स्थिति ठीक नहीं है, विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के बजाय होटलों में रुके हुए हैं, वो बिना काम के पैसे ले रहे हैं, इनकी सैलरी रोकी जाए।

दूसरी याचिका
दूसरी याचिका पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा की है, उन्होने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी के एफआईआर रद्द कराने के लिये याचिका दायर की है, COURT इसके अलावा तीसरी याचिका गवर्नर की ओर से विधानसभा सत्र नहीं बुलाने को लेकर लगाई गई है, हालांकि राज्यपाल ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरु करने का आदेश दे दिया है। इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने की तीन बार कोशिश की जा चुकी है, इनमें तीन केन्द्रीय मंत्री और कई नेता शामिल हैं।