रवि मोहन सैनी: कभी KBC में जीते थे एक करोड़ रुपये, आज बन चुके हैं IPS ऑफिसर

यूपीएससी की परीक्षा इन दिनों चर्चा का विषय हैं, इस वर्ष यह परीक्षाएं 4 अक्‍टूबर को होंगी । आज आपको एक शख्‍स के बारे में बताते हैं जो कई साल पहले केबीसी से करोड़पति बनकर निकले थे और आज आईपीएस अफसर हैं ।

New Delhi, Sep 16: कौन बनेगा करोड़पति, ये एक ऐसा शो है जो अब तक कई लोगों के सपनों को सच कर चुका है । सवाल-जवाब के इस अनूठे शो को दो दशक पूरे हो चुके हैं, शो से कई करोड़पति बन चुके हैं, कई लखपति भी बने हैं । लेकिन कई ऐसे हैं, जिनकी जिंदगी 180 डिग्री बदल गई । एक ऐसा ही नाम है रवि मोहन सैनी का । जूनियर केबीसी में एक करोड़ की रकम जीतने वाले रवि मोहन आज आईपीएस अफसर बन चुके हैं ।

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केबीसी में जीते थे एक करोड़ रुपए
रवि मोहन सैनी साल  2001 में केबीसी के स्पेशल संस्करण केबीसी जूनियर का हिस्‍सा बने थे । सवालों के सही जवाब देकर रवि मोहन ने एक करोड़ की ईनामी रकम भी जीती थी । उस समय उनकी उम्र थी सिर्फ 14 साल । साल 2014 में रवि मोहन सैनी ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की और गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बन गए । 33 साल के हो चुके रवि मोहन सैनी ने मई में गुजरात के पोरबंदर में एसपी के पद पर ज्वाइन किया है। इससे पहले वो राजकोट सिटी में डीसीपी के पद पर तैनात थे ।

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अलवर के रहने वाले हैं रवि
रवि मोहन सैनी मूल रूप से  अलवर के रहने वाले हैं । पिता नेवी में थे । उनकी स्कूली पढ़ाई विशाखापत्तनम के नेवल पब्लिक स्कूल से हुई है । एक इंटरव्यू में रवि मोहन ने बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर से एमबीबीएस भी किया है । लेकिन एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप के दौरान उनका चयन सिविल सर्विस में हो गया । चूंकि पिता नेवी में थे, इसलिए उनसे प्रभावित होकर उन्‍होंने डॉक्‍टर बनने की जगह आईपीएस को अपना करियर बना लिया । सैनी का चयन 2014 में हुआ था ।

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18 साल के बाद मिली थी ईनम राशि
रवि मोहन ने जब केबीसी में एक करोड़ की  रकम जीती थी तो वो महज 14 साल के थे और दसवीं क्लास में पढ़ते थे । उम्र कम होने के कारण केबीसी के नियमों के अनुसार उस समय रवि मोहन सैनी को पूरी रकम नहीं दी गई थी । लेकिन जब वो 18 के हुए उसके बाद उन्‍हें पूरी राशि मिल गई । रवि मोहन सैनी ने अपनी लगन मेहनत से पिता का नाम रौशन कर दिया । वो उन सभी छात्रों को लगन की सीख देते हैं, मेहनत हो और मजबूत इरादें हों तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता ।