NDA की सबसे पुरानी पार्टी ने छोड़ा बीजेपी का साथ, दो दशक से ज्यादा का था साथ!

बीजेपी और अकाली दल साल 1996 में अकाली दल के मोगा डेक्लरेशन नाम के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद साथ आये, जिसके बाद ही पहली बार दोनों ने मिलकर साल 1997 में चुनाव लड़ा।

New Delhi, Sep 27 : शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए छोड़ दिया है, अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने खुद ये जानकारी दी है, उन्होने कहा कि ये फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है, इससे पहले मोदी कैबिनेट से अकाली दल से आने वाली एक मात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद कृषि बिलों पर विरोध के चलते अकाली दल तथा बीजेपी में तनातनी चल रही थी, अब चूंकि गठबंधन टूट गया है, तो निसंदेह शिवसेना को बाद अपने सबसे पुराने सहयोगी को खोना बीजेपी के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है।

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दो दशक से ज्यादा की साझेदारी
बीजेपी और अकाली दल का गठबंधन दो दशक से ज्यादा पुरानी थी, साल 1992 में अकाली दल और बीजेपी पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़े थे, लेकिन सरकार बनाने के लिये एक-दूसरे का साथ देना था, तो आगे आ गये, वैसे बता दें कि ना सिर्फ अकाली दल बल्कि एनडीए के सबसे पुरानी घटकों में एक था, बल्कि एनडीए में शामिल सबसे पुराना दल भी था।

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1997 में पहली बार साथ मिलकर लड़ा चुनाव
बीजेपी और अकाली दल साल 1996 में अकाली दल के मोगा डेक्लरेशन नाम के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद साथ आये, जिसके बाद ही पहली बार दोनों ने मिलकर साल 1997 में चुनाव लड़ा, तभी से ये रिश्ता चला आ रहा था, मालूम हो कि मोगा डेक्लरेशन एक तरह का समझौता था, जिसमें विजन को लेकर तीन प्रमुख बातों पर जोर था, पंजाबी पहचान, आपसी भाईचारा और राष्ट्रीय सुरक्षा, दरअसल 1984 के बाद से ही माहौल बहुत खराब हो गया था, तो ऐसे में इन मूल्यों के साथ दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया था।

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वोट बैंक बढाने का काम
विश्लेषकों ने इस गठबंधन को यूं देखा कि अकाली पूरे सिख समाज को अपने पीछे एकजुट नहीं कर पा रहा था, सिख समाज का वोट बंट रहा था, ऐसे में बीजेपी में उन्होने एक ऐसा सहयोगी देखा, जो उनके वोटबैंक में सेंध लगाये बिना उसे बढाने का काम करता, और कोई सहयोगी उन्हें इसलिये नहीं मिला, क्योंकि 1984 दंगों के बाद से जो हुआ, उससे कांग्रेस ऐसे गठबंधन किसी के लिये अयोग्य हो गई थी, इसलिये अकालियों ने बीजेपी से हाथ मिलाया।