बिहार चुनाव: पासवान को अमित शाह की श्रद्धांजलि में क्‍या छुपा है नीतीश के लिए कोई संदेश?

पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दिवंगत नेता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी है । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान आया है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

New Delhi, Oct 09: बिहार की सियासत में अहम भूमिका निभाते रहे रामविलास पासवान का गुरुवार शाम निधन हो गया है । बिहार में चुनाव जल्‍द होने हैं ऐसे में एक्‍सपर्ट हर एक बयान के मायने निकाल रहे हैं । लोकजनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया । उनका निधन राजनीति जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति माना जा रहा है । पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी है । हालांकि, शाह ने जो कुछ कहा है राजनीति के जानकार उसमें राज्य के सीएम नीतीश के लिए एक संदेश भी मान रहे हैं ।

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लोकजनशक्ति पार्टी के लिए झटका
बिहार विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पासवान का निधन निश्‍चय ही उनके दल के लिए बड़े झटके की तरह है । हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे में पार्टी को सहानुभूति वोट मिल सकते हैं । गौरतलब है कि बिहार चुनाव में LJP ने एनडीए से किनारा कर लिया है, हालांकि चिराग लगातार कह रहे हैं कि वो मोदी जी के साथ हैं लेकिन नीतीश की विचारधारा के खिलाफ हे । इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान आया है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

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शाह के बयान में छुपा संदेश
पासवान के निधन के बाद अमित शाह ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया है और उनकी कमी भारतीय राजनीति में सदैव खलेगी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार उनके बिहार के विकास के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। अब राजनीति के जानकार शाह के इस बयान के कई मायने निकाल रहे हैं । ऐसा माना जा रहा है कि इसमें नीतीश कुमार के लिए एक संदेश भी है।

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नीतीश के दिए घाव भूली नहीं है बीजेपी
बात  साल 2010 की है, जब विधानसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा होते हुए भी नीतीश ने नरेंद्र मोदी को प्रचार में शामिल करने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा 2013 में नीतीश कुमार ने एडनीए से अलग होने का फैसला किया। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश, लालू यादव की आरजेडी से मिल गए । बीजेपी को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी । लेकिन 2017 में नीतीश ने फिर पलटी मारी, आरजेडी से रिश्ता तोड़ कर वो फिर बीजेपी के संग आ गए थे ।