इस बार नवरात्रि पर 58 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग, घटस्थापना और शुभ मुहूर्त भी जानें
अधिकमास समाप्ति की ओर है और त्यौहारों के शुभ दिन आने वाले हैं । 17 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है । इससे जुड़ी हर जानकारी आगे जानें ।
New Delhi, Oct 13: इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत 17 अक्टूबर 2020 से होने वाली है । आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने जा रहे नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है । नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित होता है । ज्योतिषविदों के अनुसार इस बार नवरात्रि में 58 साल बाद एक बहुत ही शुभ संयोग बनने जा रहा है । नवरात्रिी पूजन से लेकर घटस्थापना तब की जानकारी आगे पढ़ें ।
शुभ संयोग
ज्योतिष जानकारों के अनुसार इस बार नवरात्रि के मौके पर पूरे 58 साल बाद शनि स्वराशि मकर और गुरु स्वराशि धनु में विराजमान रहेंगे । इसके अलावा घटस्थापना पर भी विशेष संयोग बन रहा है, नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री के नाम है, इस दिन घटस्थापना भी की जाती है । इस दिन जौ बोएं जाते हैं और कई लागे अखंड ज्योति भी प्रज्वलित करते हैं । इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहूर्त शनिवार, 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर है ।
अन्य शुभ मुहुर्त
किसी कारणवश दिए हुए समय पर घटस्थापना नहीं कर पाते हैं तो इसी तिथि को सुबह 11 बजकर 02 मिनट से 11 बजकर 49 मिनट के बीच इसे कर सकते हैं । वास्तु अनुसार घर का पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में ही होना चाहिए, इसी दिशा में घटस्थापना करें । एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं । इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें, अखंड ज्योति जलाएं और घटस्थापना कर लें ।
नवरात्रि में क्या है खास
नवरात्रि में इस बार खास संयोग बन रहे हैं, राजयोग, दिव्य पुष्कर योग, अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग शारदीय नवरात्रि को और भी विशेष बना रहे हैं । पूजा के समय मां दुर्गा को लाल वस्त्र, फल और फूल अर्पित करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा । नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं । अष्टमी या नवमी के दिन कन्या भोज अवश्य रखें, इस बार यदि ये संभव ना लग रहा हो तो, गरीबों को दान अवश्य करें ।