यहां रहती हैं राम विलास पासवान की पहली पत्नी, जानें- सौतेले बेटे चिराग पासवान से कैसे हैं संबंध
रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी और चिराग पासवान के बीच कैसे संबंध हैं, क्या चिराग उनसे बात करते हैं, हालचाल जानते हैं । आगे पढ़ें ।
New Delhi, Oct 14: बिहार के दिग्गज नेता रहे राम विलास पासवान कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे हैं । पासवान का 8 अक्टूबर को निधन हो गया। जिसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी की पूरी जिम्मेदारी उनके बेटे चिराग पासवान के कंधों पर आ गई है। पिछले साल नवंबर महीने में ही चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। दिवंत नेता ने दो शादियां की थीं। पहली शादी 1960 में राजकुमारी देवी से हुई थी, जिनसे बाद में वो अलग हो गए । दूसरी 1983 में की । चिराग उनकी दूसरी शादी से पैदा हुए बेटे हैं ।
पहली पत्नी से दो बेटियां
रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी से 2 बेटियां हैं । 1981 में रामविलास पासवान ने उन्हें तलाक दे दिया था । इसके दो साल बाद 1983 में रामविलास पासवान ने रीना शर्मा से दूसरी शादी कर ली । रीना उस समय एयर होस्टेस थीं । चिराग के अलावा रीना और रामविलास की एक बेटी भी है। वहीं रामविलास पासवान और राजकुमारी देवी की बेटी आशा के पति अनिल साधु लंबे समय तक ससुर के साथ राजनीति में रहे । फिर मतभेद होने के कारण आरजेडी में चले गए । अभी अनिल साधु आरजेडी के एससी/एसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं।
पैतृक निवास में रहती हैं राजकुमारी देवी
खास बात ये कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी आज भी खगड़िया जिले में उनके पैतृक गांव के घर पर ही रहती हैं । साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजकुमारी देवी ने कशिश न्यूज़ को एक इंटरव्यू दिया था । जिसमें उन्होंने बताया था कि चिराग पासवान के साथ उनके कैसे रिश्ते हैं। राजकुमारी देवी ने बताया था चिराग कभी उनसे आशीर्वाद लेने अपने पैतृक गांव नहीं आए। काफी लंबे वक्त से चिराग से मुलाकात नहीं हो पाई।
ससुर के निधन पर हुई थी मुलाकात
राजकुमारी देवी ने आगे कहा चिराग से उनकी आखिरी मुलाकात लगभग पांच साल पहले चिराग के दादा के निधन के वक्त हुई थी। चिराग की सौतेली मां राजकुमारी देवी ने इस इंटरव्यू में बताया था चिराग तो उनसे मिलने अपने पैतृक गांव नहीं आते पर उनकी बेटी और दामाद उनसे मिलने अक्सर गांव आते रहते हैं। जब उनसे ये पूछा गया कि आप यहां अकेले कैसे रहती हैं? तो जवाब में उन्होंने कहा कि गांव-समाज के लोग उनकी बहुत इज्जत करते हैं। आस-पड़ोस के लोग उन्हें गांव छोड़कर नहीं जाने देते हैं। वे लोग हर वक्त उनके साथ खड़े रहते हैं।