वोटकटवा कहे जाने पर बिफरे चिराग पासवान, बीजेपी नेताओं को लेकर कही ऐसी बात
लोजपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी के कुछ लोग सीएम के दबाव में ऐसा कह रहे हैं, जो लोग वोटकटवा कह रहे हैं, वो पिताजी के करीबी साथी रहे हैं।
New Delhi, Oct 18 : बिहार चुनाव से ठीक पहले एनडीए में खटपट शुरु हो गई है, जहां लोजपा एनडीए से अलग होकर सिर्फ जदयू के खिलाफ ताल ठोंक रही है, वहीं जदयू भी बीजेपी को दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाकर चिराग पासवान पर दबाव बनाने के लिये इशारा कर रही है, इसी सिलसिले में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में लोजपा को वोटकटवा पार्टी तक कह दिया, अब चिराग ने कहा कि वो बीजेपी नेताओं के वोट कटवा वाले बयान से आहत हैं, उन्होने एक टीवी इंटरव्यू में हा कि ये कहना गलत है, ये मेरे पिता का अपमान है।
खुद को परखने निकला हूं
चिराग पासवान ने पिता की बातों को याद करते हुए कहा कि पापा बोलते थे कि अगर शेर का बच्चा होगा तो जंगल चीर कर निकलेगा, अगर गीदड़ होता तो मारा जाएगा, मैं भी अब खुद को परखने निकला हूं, शेर का बच्चा हूं तो जंगल चीर कर निकलूंगा, नहीं तो वहीं मारा जाउंगा। चिराग ने कहा कि मैं 21 तारीख से जनता के बीच रहूंगा, जदयू इस बार दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी, सीएम को रोज बीजेपी नेताओं को धन्यवाद कहना चाहिये, क्योंकि कठिन दौर में भी वो उनके साथ खड़े हैं, लेकिन जो कुछ दिन पहले बीजेपी के सहयोगी थे, वो अब वोटकटवा बन गये हैं, पापा के बारे में इतनी अच्छी बातें कह रहे हैं, वो भी सुनते तो खुश नहीं होते, पार्टी मां जैसी है, अगर कोई आपकी मां को कुछ कहे, तो कैसा लगेगा।
पिता के साथी रहे हैं हमें वोटकटवा कहने वाले
लोजपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी के कुछ लोग सीएम के दबाव में ऐसा कह रहे हैं, जो लोग वोटकटवा कह रहे हैं, वो पिताजी के करीबी साथी रहे हैं, मैं उनसे ये अपेक्षा नहीं कर रहा था, अभी कुछ दिन पहले लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे, नीतीश खुद कुछ नहीं बोलते, लेकिन दबाव बनाकर दूसरों से बुलवाते हैं, पर उसमें कहीं ना कहीं बीजेपी को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वो एक ऐसे आदमी की पार्टी के बारे में बोल रहे हैं, जो कुछ दिनों पहले तक आपके मंत्रिमंडल का साथी रहा है, आज आप उन्हीं की बनाई हुई पार्टी के लिये इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल कर रहे हैं।
शब्द चयन का ध्यान रखें
चिराग पासवान ने आगे कहा कि अगर आप दबाव में ऐसा कर रहे हैं, तो कृपया शब्द चयन का तो ध्यान रखें, अगर वोटकटवा थे तो 2019, 2015 और 2014 में उनका साथ क्यों लिया, मैं प्रधानमंत्री जी का पूरा सम्मान करता हूं, पर अगर कोई नेता ऐसा कह रहा है, तो उसे पिताजी का ख्याल रखना चाहिये।